वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से योगी सरकार ने बदला नौगढ़ रेलवे स्टेशन का नाम यहाँ जाने नया नाम
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को नौगढ़ रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर सिद्धार्थनगर कर दिया. वीडियो लिंक के माध्यम से सम्बोधित करते हुये रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि नौगढ़ के समीप लुम्बिनी में महात्मा बुद्ध का जन्म होने एवं इस क्षेत्र से उनके जीवन की घटनाओं से जुड़े
होने के कारण जन-आकांक्षाओं को देखते हुये नौगढ़ रेलवे स्टेशन का नाम सिद्धार्थनगर रखा गया. इसके लिये उन्होंने सभी को बधाई दी. यहां बौद्ध तीर्थ यात्री काफी संख्या में लुम्बनी के लिये आते है. इस क्षेत्र को यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया है.
इस अवसर पर सांसद जगदम्बिका पाल ने रेलमंत्री पीयूष गोयल को हार्दिक धन्यवाद देते हुए कहा कि जनआकांक्षाओं को देखते हुए नौगढ़ स्टेशन का नाम सिद्धार्थनगर किया गया. इससे वर्षों से क्षेत्रीय जनता की बहुप्रतिक्षित मांग पूरी हुई. उन्होंने कहा कि ये क्षेत्र गौतम बुद्ध के बाल्यावस्था की घटनाओं से जुड़ा है.
खलीलाबाद से बहराइच वाया डुमरियागंज-उतरौला-बलरामपुर-श्रावस्ती 240 किमी. लम्बी नई रेल लाइन निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई है. इस परियोजना के पूरा होने से सन्त कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बहराइच एवं गोण्डा जनपदों के विकास में तेजी आयेगी.
रेल मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले छः वर्षों में 460 किमी नई रेल लाइन निर्माण, 531 किमी दोहरीकरण तथा 489 किमी आमान परिवर्तन का कार्य पूरा किया गया. इसी प्रकार 4682 किमी रेलपथ का विद्युतीकरण भी पूरा किया गया. इससे रेल गाड़ियों को तेज गति से चलाया जा सकेगा तथा पर्यावरण भी संरक्षित रहेगा. अनारक्षित समपारों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकनेे के लिये उत्तर प्रदेष में सभी 1404 अनारक्षित समपारों को समाप्त किया गया.
पीयूष गोयल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले छह वर्षों में आधारभूत संरचना के विकास हेतु 10 हजार 6 सौ करोड़ का आवंटन किया जो उससे पूर्व के वर्षों से लगभग नौगुना अधिक है. रेल मंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिये देषव्यापी लाॅकडाउन के कारण यात्री गाड़ियों का संचलन बन्द करना पड़ा, परन्तु देश में खाद्य एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति के लिये
मालगाड़ियों एवं पार्सल गाड़ियों का संचलन निर्बाध रूप से जारी रहा, जिससे लोगों तक आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति हो सकी तथा बिजली घरों को कोयला पहुंच सका. प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिये श्रमिक विशेष गाड़ियों का संचलन आरम्भ किया गया. उत्तर प्रदेश में कुल 1661 श्रमिक विशेष गाड़ियां आईं, जिनके माध्यम से लगभग 22 लाख 40 हजार यात्री यहां आये.