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खौफ का अंत, 6 साल बाद ग्यास लौटे अपने वतन:-

हरदोई निवासी युवक ने अच्छी नौकरी के नाम पर सालों तक सऊदी में कराई मजदूरी|
बरेली : छह सालों से सऊदी में बंधुआ मजदूरों की जिंदगी गुजार रहे बुजुर्ग की आखिरकार वतन वापसी हुई। बरेली के रहने वाले 65 साल के बुजुर्ग बीते संडे दिल्ली एयरपोर्ट पर अपने परिजनों से मिले तो गले में गंभीर बीमारी होने के चलते वह कुछ बोल तो नहीं सके लेकिन उनकी आंखों में सऊदी में बीते खौफनाक छह सालों दर्द साफ दिखाई दे रहा था।

Come Back From Dubai After Six Years - Bareilly News
गले की गंभीर बीमारी असल में शहर निवासी बुजुर्ग ग्यास अहमद सऊदी में गंभीर बीमारी से ग्रसित थे लेकिन इसके बाद भी उन्हें वहां से जाने नहीं दिया जा रहा था। उन्होंने और उनके परिवार वालों ने वतन वापसी के लिए कई प्रयास किए, लेकिन कोई भी उनकी मदद को तैयार नहीं था। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट को जब ग्यास के परिवार वालों ने पूरी हकीकत बताई तो उनके दर्द को न्यूजपेपर पर प्रमुखता से पब्लिश किया गया जिसके बाद सेंट्रल मिनिस्टर भी हरकत में आ गए। साथ सऊदी के डॉक्टर ने भी ग्यास की मदद के लिए पूरी हेल्प की जिससे वतन वापसी की आस छोड़ चुके ग्यास अहमद आखिरकार अपनों से मिले। छह साल के बाद संडे का दिन ग्यास अहमद के परिवार के लिए ईद से कम नहीं था, जब वह दिल्ली एयरपोर्ट पर अपने परिवार से मिले।

डॉक्यूमेंट कर लिए थे जब्त

वर्ष 2014 में हरदोई के शाहबाद के रहने वाले अखलाख ने शहर के कटरा चांद खां निवासी ग्यास अहमद को सऊदी में कमाई का लालच दिया। झांसे में आकर ग्यास ने उन्हें डेढ़ लाख रुपए दिए। ग्यास ने परिवार को बताया कि वह सऊदी के दम्मान में रहेंगे। वहां कारखाने में इलेक्ट्रिशियन बनेंगे उन्हें इसके एवज में 14 सौ रियाल मिलेंगे। लेकिन जल्द उनका यह ख्बाव टूट गया। सऊदी पहुंचे ग्यास से 6 माह बिना पैसे काम कराया गया। इसके बाद 700 रियाल दिए गए। धोखे से एक एग्रीमेंट साइन कराया गया। जिसके मुताबिक वह कहीं और काम नहीं कर सकते। ग्यास ने वतन वापसी की काफी कोशिशें की तो उनके डॉक्यूमेंट भी जब्त कर लिए गए।

पत्‍‌नी ने लगाई थी मदद की गुहार

ग्यास अहमद की पत्‍‌नी निखत परवीन ने सोशल मीडिया पर पूरा ब्यौरा साझा कर मदद मांगी। हालांकि विदेश मंत्रालय से उन्हें खास मदद नहीं मिल सकी। उल्टे सऊदी में भारतीय एंबेसी ने यह कहकर परेशानी में डाल दिया कि जब तक ग्यास उस कंपनी को 25,200 रियाल नहीं लौटाते आगे की कार्रवाई नहीं की जा सकती।

इस तरह मिली मदद

ग्यास अहमद के बेटे रिजवान बरकाती ने बताया कि जब सऊदी में ग्यास अहमद गले की गंभीर समस्या से गुजर रहे थे तो उनकी मुलाकात सऊदी के दम्मान में एक हॉस्पिटल में कार्यरत डॉ। उमर रिजवी से हुई। डॉ। उमर मूल रूप से लखनऊ के निवासी हैं। डॉ। उमर ने उनकी पूरी परेशानी सुनी और इलाज से लेकर उनकी वतन वापसी तक हर संभव मदद की। वहीं ग्यास अहमद के सऊदी में फंसे होने की खबरें लगातार दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने प्रकाशित की, जिससे कैबिनेट मंत्री संतोष गंगवार ने संज्ञान लेकर विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरण को खत लिखकर भारत वापसी की अपील की थी।

ईद से कम नहीं संडे

4 अक्टूबर यानि संडे को जब दिल्ली के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सऊदी से आने वाली फ्लाइट लैंड की और ग्यास जैसे ही अपने परिवार से मिले तो सभी की आंखे भर आई। वहीं ग्यास अहमद की पत्‍‌नी निखत परवीन और बेटे रिजवान ने दैनिक जागरण आईनेक्स्ट को धन्यवाद भी दिया।

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