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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ‘को-ओरिजिनेटिंग मॉडल’ के दायरे का किया विस्तार
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को ‘को-ओरिजिनेटिंग मॉडल’ के दायरे का विस्तार किया। इसके बाद हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां सहित सभी नॉन-बैंक लेंडर्स प्राथमिकता वाले क्षेत्र में कर्ज देने के लिए बैंक के साथ सहयोग कर पाएंगे। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ‘को-लेंडिंग मॉडल’ से इकोनॉमी के ऐसे सेक्टर्स को ज्यादा लोन मिल पाएगा, जिन्हें अब तक पर्याप्त क्रेडिट नहीं मिल पाया है। साल 2018 में RBI ने बैंक से को-ओरिजिनेशन के लिए एक फ्रेमवर्क बनाया था। इसके तहत कुछ खास श्रेणी की नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) को कुछ शर्तों के साथ बैंकों के साथ साझेदारी की अनुमति दी गई थी।