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दिल्ली सरकार ने बैठक में ट्री Transplantation पॉलिसी को किया पास

दिल्ली सरकार ने कैबिनेट की बैठक में ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी को पास कर दिया है. अब एक पेड़ काटने के बदले 10 पौधे तो लगाने ही होंगे, इसके अतिरिक्त उसमें से 80 प्रतिशत पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन करना होगा. दिल्ली सरकार पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन करने वाली एजेंसी का एक पैनल बनाएगी और संबंधित विभाग इनमें से किसी एजेंसी से काम करा सकते हैं.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक ट्रांसप्लांट किए गए पेड़ों में से 80 प्रतिशत से कम जीवित होने पर उस एजेंसी के भुगतान में कटौती की जाएगी और 80 प्रतिशत से ज्यादा जीवित होने पर पूरा भुगतान किया जाएगा. दिल्ली सरकार डेडीकेटेड ट्री ट्रांसप्लांटेशन सेल और स्थानीय कमेटी बना रही है. स्थानीय कमेटी ट्रांसप्लांट हुए पेड़ों की जांच और निगरानी करने के साथ सही ट्रांसप्लांटेशन होने पर प्रमाण पत्र देगी.

इसके अलावा दिल्ली कैबिनेट ने प्रदूषण के मद्देनजर कनॉट प्लेस में स्मॉग टॉवर लगाने का निर्णय भी लिया. दिल्ली सरकार के मुताबिक यह स्मॉग टॉवर चीन के बाद दुनिया का दूसरा स्मॉग टॉवर होगा, जो ऊपर से हवा लेगा और साफ कर नीचे फेंकेगा, ताकि लोगों को साफ हवा मिल सके.

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में बहुत घने पेड़ है, बहुत पुराने-पुराने पेड़ भी हैं, बहुत बड़े-बड़े पेड़ हैं, यह प्रकृति का आशीर्वाद है. दिल्ली बहुत पुराना शहर है, इसलिए यहां पहले के बहुत सारे पेड़ हैं. हमारी सरकार और दिल्ली वालों की यही कोशिश रहती है कि किसी भी पेड़ को किसी तरह का नुकसान नहीं होना चाहिए, लेकिन कई बार कोई बिल्डिंग बनानी पड़ती है, कोई विकास कार्य होता है, सड़क बनानी पड़ती है.

उन्होंने कहा कि अलग-अलग विकास कार्य के लिए कई बार पेड़ काटने की मजबूरी बन जाती है. अभी तक पॉलिसी यह थी कि अगर एक पेड़ कटेगा, तो उसके बदले क्षतिपूर्ति के तौर पर 10 पौधे लगाए जाएंगे. लेकिन वो 10 पौधे पता नहीं कितने समय बाद बड़े होंगे. इसलिए आज हमने ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी पास की है.

1. एक पेड़ कटेगा तो क्षतिपूर्ति के तौर पर 10 पौधे तो लगाने ही लगाने हैं, उसके अतिरिक्त उस पेड़ को काटना नहीं है. उस पेड़ को नीचे से खोदकर कर पूरे के पूरे पेड़ को उठा कर ट्रक में डाल कर दूसरी जगह ट्रांसप्लांट किया जा सकता है. यानी दूसरी जगह लगाया जा सकता है.

2. उस पेड़ को काटने की जरूरत नहीं है, बल्कि उसको नीचे से वैज्ञानिक तरीके से उखाड़ कर और केमिकल का इस्तेमाल करके ट्रक में डालकर उसको दूसरी जगह लगाया जाता है.

3. आज पॉलिसी पास की गई है कि कहीं भी किसी भी प्रोजेक्ट में जो पेड़ काटे जाएंगे, उसमें से कम से कम 80 प्रतिशत पर पेड़ ट्रांसप्लांटेशन किए जाएंगे और जो पेड़ ट्रांसप्लांटेशन किए गए हैं, उनमें कम से कम 80 प्रतिशत जीवित रहने चाहिए, सिर्फ खानापूर्ति नहीं करनी है.

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