योगी आदित्यनाथ को लगातार धमकियां मिलने से सुरक्षा-व्यवस्था बढ़ाई
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को लगातार मिल रही जान से मारने की धमकियों के बाद उनकी सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव का निर्णय लिया गया है। यूपी कैबिनेट ने तय किया है कि मुुख्यमंत्री योगी सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता की जाए। इसके तहत सड़क मार्ग से यात्रा के दौरान उनकी फ्लीट और ज्यादा सुरक्षित होगी और कोई भी इसे भेद नहीं पाएगा।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए शासन द्वारा अनुमोदित ग्रीन बुक के निर्देशों के क्रम में उनकी सुरक्षा फ्लीट की संरचना तय की हुई है। कैबिनेट ने इस वर्तमान संरचना क्रम में परिवर्तन करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा का आडिट किए जाने पर इसकी जरूरत महसूस की जा रही थी।
मुख्यमंत्री को आतंकी खतरे की आशंका को देखते हुए उनकी सुरक्षा की समय-समय पर समीक्षा की जाती रही है। इससे पहले पिछले दिनों लोक भवन स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय के शीशे बुलेट प्रूफ करने का फैसला लिया गया था। यह सुरक्षा प्लान केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के सुझाव पर तैयार किया गया था। इसी तरह गोरखनाथ मंदिर स्थित उनके आवास की सुरक्षा व्यवस्था भी और पुख्ता की गई है। वहां सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं। साथ ही बैरियर भी बढ़ाए गए हैं। इससे मंदिर और परिसर में स्थित योगी आदित्यनाथ के आवास की सुरक्षा और पुख्ता हो गई है।
गोरखपुर शहर में लाइट रेल ट्रांजिट परियोजना के डीपीआर तथा शहर को मेट्रोपोलिटन सिटी घोषित करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। बहुत जल्द यह दोनों प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे। रेल ट्रांजिट परियोजना की लागत 4672 करोड़ रुपये आएगी। मुख्यमंत्री बनने के साथ ही योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में मेट्रो रेल के लिए सर्वे करने के निर्देश दिए थे।
सर्वे के बाद डीपीआर तैयार किया गया, जिसे आज मंजूरी दी गई। रेल ट्रांजिट परियोजना में दो कारीडोर प्रस्तावित किए गए हैं। पहला कारीडोर श्यामनगर से मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तक बनेगा। इसकी लंबाई 15.14 किमी. होगी। इस कारीडोर में 14 स्टेशन होंगे। दूसरा कारीडोर बीआरडी मेडिकल कालेज से नौसढ़ चौराहे तक बनेगा। इसकी लंबाई 12.70 किमी होगी। इस कारीडोर में 13 स्टेशन होंगे। इसके साथ ही कैबिनेट ने गोरखपुर शहर को मेट्रोपोलिटन सिटी घोषित करने के प्रस्ताव तथा अल्टरनेटिव एंड एनालिसिस रिपोर्ट को भी मंजूरी दी। मेट्रोपोलिटन सिटी का दर्जा मिल जाने पर शहर के विकास में और तेजी आएगी।