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सालाना 20 करोड़ का धंधा, अब दस प्रतिशत कमाई के भी वादे :-

200 से अधिक कार्ड व्यापारी राजधानी में

20 करोड़ का होता था सालाना कारोबार

2 करोड़ का भी इस साल नहीं हुआ कारोबार

7 माह से पूरी तरह ठप पड़ा है व्यापार- निमंत्रण पत्र कारोबार पर भी दिख रही बंदिशों की मार

– कई कारोबारियों ने बंद कर दी है दुकान, तो कुछ ने बदल लिया व्यापार

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शादी हो या फिर कोई अन्य फंक्शन, आज भी लोग मेहमानों को बुलाने के लिए निमंत्रण पत्र छपवाना ही बेहतर मानते हैं। यही कारण है कि सिर्फ शादियों के सीजन में ही राजधानी में कार्ड का बिजनेस करीब 20 करोड़ के आसपास पहुंच जाता है। हालांकि इस साल यह बिजनेस अब तक 2 करोड़ के करीब भी नहीं पहुंचा है। आलम यह है कि कार्ड का बिजनेस करने वाले बहुत से लोग अपनी दुकानें बंद कर चुके हैं या फिर दूसरा बिजनेस करने लगे हैं।

केस – 1

स्टेशनरी का काम शुरू किया

कभी नहीं सोचा था कि एक बीमारी के कारण पूरा बिजनेस ठप हो जाएगा। लॉकडाउन शुरू हुआ तो उम्मीद नहीं थी कि यह इतना लंबा खिचेगा। इनकम बंद हो जाने से जब परेशानी होने लगी तो दूसरे बिजनेस के बारे में सोचना शुरू किया। अब मैंने कार्ड का बिजनेस बंद कर स्टेशनरी का काम शुरू कर दिया है।

शिव कुमार, बालक ट्रेडसर्1, अमीनाबाद

गाइडलाइन ने भी तोड़ी कमर

राजधानी में कार्ड का व्यापार करने वालों ने बताया कि जब अनलॉक होना शुरू हुआ तो उन्हें उम्मीदें थीं कि उनका बिजनेस भी अब धीरे-धीरे पटरी पर आना शुरू हो जाएगा। सरकार ने फंक्शन को लेकर जो गाइडलाइन जारी की है, उससे उनकी उम्मीदें टूट गई हैं। लोग शादी आदि फंक्शन में सिर्फ 100 लोगों को बुलाएंगे तो भला कार्ड क्यों छपवाएंगे। आलम यह है कि कार्ड व्यापारियों के यहां लोग कार्ड खरीदने ही नहीं आ रहे हैं।

दस प्रतिशत भी आर्डर नहीं

अमीनाबाद में कार्ड की दुकान चलाने वाले शिव कुमार ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल अब तक 10 फीसद भी कारोबार नहीं हुआ है। पहले लगन के समय रोज दो से तीन हजार कार्ड तक बिक जाते थे, वहीं अब मुश्किल से 50-100 कार्ड के आर्डर ही आ रहे हैं। कार्ड कारोबारी बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। पहले जिन दुकानों में 10-10 कर्मचारी काम करते थे, वहीं अब पांच से छह लोग ही बचे हैं।

बंद कर दी दुकान

अमीनाबाद के कार्ड व्यापारियों ने बताया कि मार्च के अंत में लॉकडाउन लगा और दुकानें बंद हो गईं। गर्मियों की शादियों का सीजन चला गया। लॉकडाउन बढ़ता गया और कमाई पूरी तरह ठप हो जाने से परिवार चलाना मुश्किल हो गया। ऐसे में कई दुकानदार अपनी दुकानें खाली करके यहां से चले गए.

कोट

आसपास के जिलों के लोग भी लखनऊ कार्ड छपवाने आते हैं लेकिन पिछले सात माह से यह कारोबार पूरी तरह ठप है। पहले पूरे साल में 20 करोड़ से अधिक का बिजनेस शहर में कार्ड का होता था लेकिन इस बार यह 2 करोड़ भी नहीं हो सका है। हमें बस अब नवरात्रि से कुछ उम्मीद है।

प्रशांत गुप्ता, गुप्ता कार्ड, अमीनाबाद

होली के बाद से धंधा बेकार हो गया है। अनलॉक में दुकान तो खुल गई है लेकिन कारोबार न के बराबर ही है। मजबूरी में 40 फीसद स्टाफ कम करना पड़ा। कारोबार चल नहीं रहा है और दुकान का किराया तो देना ही है। समझ नहीं आ रहा है कि अब फिर हमारा बिजनेस कब पटरी पर आएगा।

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अब्दुल वहीद, नावेल्टी कार्ड, अमीनाबाद

पहले जहां लोग शादी के लिए पांच-पांच सौ कार्ड छपवाते थे और रोज कई-कई बुकिंग आती थीं, वहीं अब बुकिंग ही नहीं आ रही हैं। जो बुकिंग आ भी रही हैं वो सिर्फ 50 या 100 कार्ड की ही हैं। लोग कार्ड की जगह सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को फंक्शन में इनवाइट कर रहे हैं।

श्रीओम, श्रीओम कार्ड, अमीनाबाद

ज्यादातर कार्ड का बिजनेस करने वालों की दुकानें किराए पर हैं। लॉकडाउन के दौरान जब बाजार बंद रही, तभी हम सभी को अपने पास से किराया देना पड़ा। जिससे हम लोगों का नुकसान और भी बढ़ गया। कई कार्ड की दुकानें तो बंद हो गई हैं। लोग कार्ड छपवाने भी नहीं आ रहे हैं।

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