सीज बस खींच ले गए फायनेंसर के गुर्गे:-
मालखाना प्रभारी ने बस नदारद देखी तो मचा हड़कंप
दिनभर चली तलाश, बंथरा में फाइनेंसर के यार्ड में बरामद हुई बस
अगर आरटीओ या पुलिस कोई वाहन सीज कर दे तो कोर्ट से रिलीज ऑर्डर मिलने के बावजूद वाहन वापस लेने में नाको चने चबाने पड़ते हैं, पर राजधानी में फाइनेंसर के गुर्गे किस कदर बेखौफ हैं कि पुलिस के डंप यार्ड से सीज बस को ही लेकर रफूचक्कर हो गए। मालखाना प्रभारी ने बस नदारद देखी तो आनन-फानन बस की तलाश शुरू की गयी और पता चला बस बंथरा स्थित फाइनेंसर के यार्ड में खड़ी है। जब मालखाना प्रभारी थाने में एफआईआर दर्ज कराने पहुंचा तो पता चला कि फाइनेंसर की ओर से बस ले जाने की सूचना वहां पहले से पहुंच चुकी थी। पर, सीज बस को किसके आदेश पर ले जाने की परमीशन दी गयी, इस पर कोई कुछ भी बोलने से कतरा रहा है।
रोड पर खड़ी थी बस
चिनहट के मटियारी तिराहे से एक किलोमीटर दूर देवा रोड पर नगर निगम की जमीन पर ट्रैफिक पुलिस का वाहन डंपिंग ग्राउंड है। यहां ट्रैफिक पुलिस की चौकी भी है। इस डंपिंग ग्राउंड में वर्तमान में करीब 412 वाहन सीज हैं। पिछले साल 24 सितंबर को आरटीओ ने एक बस यूपी 45 टी 5871 को सीज किया और इसे डंपिंग ग्राउंड लाया गया। चूंकि, डंपिंग ग्राउंड में बस को पार्क करने की जगह नहीं थी, लिहाजा ट्रैफिक कर्मियों ने बस को डंपिंग ग्राउंड के 200 मीटर दूर सड़क किनारे पार्क कर दिया गया। तभी से यह बस वहीं खड़ी थी।
क्रेन लगाकर खींच ले गए
10 अक्टूबर को डंपिंग ग्राउंड पर गार्द में तैनात कॉन्सटेबल रंजीत बहादुर ने बस गायब देखा तो उसके होश उड़ गए। आनन-फानन गार्द में तैनात राजेंद्र प्रसाद को इसकी सूचना दी और दोनों बस तलाशने में जुट गए। काफी देर बस तलाशने के बाद जब आसपास के दुकानदारों से पूछताछ की तो पता चला कि शुक्रवार शाम करीब छह बजे कुछ लोग सफेद डस्टर से आए थे। वे अपने साथ एक क्रेन भी लाए थे। उन लोगों ने बिना किसी से कोई बात किये बस को क्रेन से कनेक्ट किया और लेकर चलते बने।
क्रेन वाले से मिला सुराग
अब ट्रैफिककर्मियों ने मटियारी चौराहा व आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू की। एचपी पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी कैमरे में एक क्रेन बस को शाम करीब 6.45 बजे खींचकर ले जा रही थी। सुबह तीन बजे तक ट्रैफिककर्मी बस को आसपास के इलाकों में तलाशते रहे लेकिन, कोई पता नहीं चला। शनिवार सुबह क्रेन चालकों से पता करने पर जानकारी मिली कि क्रेन नंबर यूपी 77 एन 7494 से बस खींच कर ले गए हैं। ट्रैफिककर्मियों ने क्रेन चालक को तलाशा तो उसने बताया कि वह बस को बंथरा स्थित अनीता यार्ड में पहुंचा आया है। यह जानकारी कॉन्सटेबल रंजीत ने टीआई अनीश मिश्र को दी। जिसके बाद टीआई मिश्र ने बंथरा पहुंचकर पुलिस की मदद से बस बरामद की और उसे डंप यार्ड पहुंचाया।
लोकल थाने को दे दी थी सूचना
पूरे मामले में चिनहट पुलिस की लापरवाही सामने आयी है। टीआई मिश्र ने पड़ताल की तो रिकवरी एजेंट अभिषेक सिंह ने बस ले जाना कुबूला। उसने बताया कि वह टाटा मोटर फाइनेंस का रिकवरी एजेंट है। बस की किश्तें कई माह से जमा नहीं हो रही थीं। उसे पता चला कि बस देवा रोड पर खड़ी है। लिहाजा, उसने चिनहट पुलिस को वाहन ले जाने की सूचना दी और बस को क्रेन की मदद से लेकर चला आया। अभिषेक ने सुबूत के तौर पर थाना चिनहट में दी गयी सूचना की मोहर लगी प्रति दिखायी। हालांकि, चिनहट पुलिस ने सूचना मिलने के बाद इसकी तसदीक तक नहीं की कि वह बस असल में लावारिस खड़ी है या सीज की गयी है। इस लापरवाही का पता चलने पर आलाधिकारियों के निर्देश पर चिनहट पुलिस ने इसका जीडी में तस्करा डाल दिया है।