केजरीवाल का गंभीर आरोप, बोले- चुनाव में दारू बांटती हैं भाजपा-कांग्रेस
उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा गठित कमेटी के सुझावों को दरकिनार कर दिल्ली सरकार 1.40 लाख कैमरे लगाने के लिए प्रक्रिया शुरू करने में जुट गई है। वहीं, इस मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है। पहले ट्वीट में उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा है- ‘भाजपा व कांग्रेस बताएं कि वे सीसीटीवी का विरोध क्यों कर रहे हैं?’ अगले ही ट्वीट में केजरीवाल ने लिखा है- ‘अगर दिल्ली में CCTV कैमरे लग गएं तो भाजपा और कांग्रेस को चुनाव में दारू और पैसा बांटना मुश्किल हो जाएगा। कल एक भाजपा नेता ने बताया कि LG को कहा गया है कि किसी भी तरह लोक सभा चुनाव के पहले CCTV कैमरे मत लगने दो।’
इससे पहले सोमवार को ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कैमरे लगाने के लिए अब कोई अड़चन नहीं है। जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट में लाकर पास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में नई दिल्ली नगर पालिका परिषद क्षेत्र की तर्ज पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में केजरीवाल ने कहा कि एक सप्ताह में प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट की बैठक में लाया जाए। साथ ही अधिकारियों को कहा कि यह प्रस्ताव उपराज्यपाल कार्यालय नहीं जाना चाहिए।
बता दें कि आरडब्ल्यूए के साथ संवाद कार्यक्रम के दौरान रविवार को मुख्यमंत्री ने सीसीटीवी कैमरे से जुड़ी एलजी की रिपोर्ट को मंच पर ही फाड़ दिया था। उन्होंने कहा था कि कैमरे एलजी के आदेश से नहीं बल्कि लोगों की मांग पर लगेंगे। बताया जा रहा है कि दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने के दौरान एनडीएमसी मॉडल का पालन किया जाएगा। डेढ़ लाख सीसीटीवी लगाने के लिए लोक निर्माण विभाग को अधिकृत किया गया है। विभाग द्वारा टेंडर भी जारी कर दिया गया है। इस टेंडर पर अगले सप्ताह कैबिनेट की बैठक में मुहर लगना तय माना जा रहा है। हर विधानसभा क्षेत्र में दो-दो हजार सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
प्रशासकीय रिपोर्ट फाड़ना अराजकता का परिचय : भाजपा
सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर लोगों से सुझाव लेने के लिए रविवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल द्वारा गठित कमेटी की सिफारिश फाड़ कर अपना रोष जताया था। मुख्यमंत्री के इस कदम को भाजपा ने अराजक करार दिया है। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि मुख्यमंत्री एक बार फिर से अपने अराजक रूप में वापस आ गए हैं। वह सत्ता के अहंकार में प्रशासकीय रिपोर्ट को फाड़कर एवं अधिकारियों को डरा धमकाकर अपनी मनमानी चलाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि सीसीटीवी सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है और इसके उपयोग एवं रख-रखाव दोनों में स्थानीय पुलिस की अहम भूमिका है। कैमरे लगाने में केजरीवाल सरकार गंभीर नहीं है। वह इसे एक राजनीतिक मुद्दा बनाए रखना चाहती है। मौका मिलते ही अपनी पार्टी से जुड़ी कंपनियों को ठेका देना चाहती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि सीसीटीवी लगाते समय लोगों की निजता का कैसे ध्यान रखा जाएगा, इसकी फुटेज की मॉनिटरिंग कौन सी एजेंसी करेगी।
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि एक तरफ लोक निर्माण मंत्री सत्येंद्र जैन 12 जुलाई को उपराज्यपाल को पत्र लिखकर सिफारिशों पर सुझाव प्राप्त करने की तारीख 29 जुलाई से बढ़ाने की मांग करते हैं। वहीं, मुख्यमंत्री 29 जुलाई को ही सिफारिशों को फाड़ देते हैं। इससे स्पष्ट है कि वह दिल्लीवासियों के सळ्रक्षा मसले पर भी ओछी सियासत कर रहे हैं।