बड़ी खबर : चित्रकूट में दलित लड़की गैंगरेप पीड़िता ने लगाई फांसी फैली सनसनी
हाथरस के बाद यूपी के चित्रकूट में एक गैंगरेप पीड़िता दुनिया से विदा हो गई है. गैंगरेप के बाद 15 साल की दलित लड़की ने अपने घर के अंदर ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि एफआईआर दर्ज न होने के चलते लड़की परेशान थी, जिसके चलते उसने अपनी जान दे दी.
परिवार के आरोपों के बाद इस मामले ने भी तूल पकड़ लिया है. नेताओं का गांव जाना शुरू हो गया है. आज पीड़िता का अंतिम संस्कार है, जिसके मद्देनजर जिला प्रशासन ने पीड़िता के गांव को छावनी में बदल दिया है.
पीटीआई ने चित्रकूट के एसपी अंकित मित्तल के हवाले से लिखा है कि 15 साल की लड़की ने मणिकपुर इलाके में अपने घर के अंदर ही मंगलवार को फांसी लगा ली. एसपी ने कहा कि लड़की की मौत के बाद परिवार ने आरोप लगाया कि उसके साथ तीन लोगों ने जंगल में 8 अक्टूबर को गैंगरेप किया था.
एसपी अंकित मित्तल ने बताया कि पीड़ित परिवार की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है. तीनों आरोपियों किशन उपाध्याय, आशीष और सतीश को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी किशन उपाध्याय गांव के प्रधान का बेटा है. पुलिस ने बताया कि ये गिरफ्तारी पॉक्सो एक्ट और एससी-एसटी एक्ट के तहत की गई है.
हालांकि, परिवार ने आरोप लगाया है कि लड़की ने अपनी जान इसलिए दी क्योंकि उसकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं की जा रही थी. परिवार ने ये भी आरोप लगाया है कि रेप के बाद आरोपी लड़की के हाथ-पैर बांधकर फरार हो गए थे और पुलिस ही उसे घर लेकर आई लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की
आपको बता दें कि ये घटना ऐसे वक्त सामने आई है जब हाथरस में 19 साल की दलित लड़की की गैंगरेप के बाद मौत केस की जांच चल रही है. हाथरस में भी पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में है, यहां तक इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अधिकारियों के खिलाफ सख्त टिप्पणी की हैं. ऐसे में अब चित्रकूट के दलित परिवार ने भी शिकायत दर्ज न करने के चलते बेटी द्वारा आत्महत्या का आरोप लगाकर पुलिस पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं.