यूरोप में कोरोना वायरस की दूसरी वेव लौटी क्या फिर से लगेगा लॉक डाउन
कोरोना वायरस का कहर दुनियाभर में जारी है. भारत में भी अनलॉक की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन कोरोना के केस में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इस सबके बीच यूरोप से चिंता करने वाली खबर सामने आई है. यूरोप के कई देशों में कोरोना वायरस की दूसरी वेव शुरू हो गई है जो कुछ जगहों पर पहले से भी खतरनाक है.
इसी वजह से कुछ देशों में लॉकडाउन की वापसी हुई है तो फ्रांस में कर्फ्यू के हालात बन गए हैं. ऐसे में दुनिया के एक छोर पर लॉकडाउन फिर लौट रहा है तो भारत में अनलॉक हो रहा है. ऐसे में कोरोना कैसे संकेत दे रहा है हम आपको समझाते है। समझिए..
चीन के बाद शुरुआत में कोरोना ने यूरोप में ही अपना असर दिखाया था, लेकिन उसके बाद ये अमेरिका होते हुए एशिया में फैल गया. यूरोप के कई देश जिनमें फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी शामिल हैं, उन्होंने अपने देशों से कोरोना के प्रतिबंध हटा दिए थे और वापस जिंदगी पटरी पर लौट आई थी. लेकिन पिछले दस दिनों में तस्वीर पूरी तरह बदल गई. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, पिछले एक हफ्ते में यूरोप में कोरोना के कारण अबतक की कुल 16 फीसदी मौतें दर्ज हुई हैं जो डराने वाला है. इनमें फ्रांस, जर्मनी ऐसे देश हैं जहां सबसे अधिक संख्या में कोरोना के नए मामले आ रहे हैं.
कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण यूरोपीय देशों में फिर से कर्फ्यू लौट आया है. फ्रांस में अब रात को नौ बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू रहेगा. हालांकि, अभी ये पेरिस और आसपास के कुछ शहरों तक सीमित रहेगा. जबकि अन्य आठ मेट्रो शहरों में भी सख्ती को बढ़ाया गया है.
फ्रांस ने मेडिकल इमरजेंसी की घोषणा की है. फ्रांस के अलावा जर्मनी ने फिर से हेल्थ सर्विस को अलर्ट पर रखा है और अस्पतालों में कोविड स्पेशल वार्ड बनाने को कहा है. इन दो देशों के अलावा इंग्लैंड, चेक रिपब्लिक और अन्य कुछ देशों में केस बढ़े हैं. WHO के मुताबिक, पिछले एक हफ्ते में यूरोप में रोज एक लाख मामले सामने आए हैं.
देश में कोरोना केस की संख्या में हर रोज कमी दिखाई दे रही है जो एक अच्छा संकेत देती हुई दिख रही है. साथ ही अब देश में कोरोना के केस डबल होने का वक्त भी 70 दिन को पार कर गया है, जबकि अगस्त में यही संख्या 25 दिनों तक थी.
अगर नए केस की भी बात करें तो पिछले 24 घंटे में देश में 67,708 नए मामले दर्ज किए गए, पिछले कुछ दिनों से नए केस की संख्या 70 हजार से कम ही है. जबकि एक वक्त पर ये आंकड़ा हर रोज 1 लाख के करीब था. देश में अब कुल केस की संख्या 73 लाख को पार कर गई है, जबकि एक्टिव केस सिर्फ आठ लाख के करीब हैं.