UK में कोविड संक्रमित मरीजों की मौतों को रोकना सरकार के लिए बनता जा रहा बड़ी परेशानी
देहरादून: उत्तराखंड में बढ़ रही कोविड संक्रमित मरीजों की मौतों को रोकना सरकार के लिए बड़ी परेशानी बनता जा रहा है। जहां संक्रमित केसों की तादाद घट रही है, वहीं कोविड से हो रही मौत का ग्राफ और भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। सरकारी हॉस्पिटल से ज्यादा निजी हॉस्पिटल में कोविड मरीजकी जान जा चुकी है। 3 दिन में प्रदेश में कुल 52 कोविड पॉजिटिव मरीजों की जाने चली गई है। इसमें 38 निजी कोविड में हुई है।
एम्स ऋषिकेश में अप्रैल माह के अंत में प्रदेश की पहली कोविड संक्रमित महिला मरीज की मृत्यु हो गई थी। शुरूआत में कोविड संक्रमण की गति धीमी होने के साथ ही मौतें भी बहुत कम हो रही थी। वर्तमान में मौत की तादाद तेजी से बढ़ रही है। एम्स ऋषिकेश के साथ राजकीय मेडिकल कॉलेज दून, हल्द्वानी में सबसे ज्यादा अधिक कोविड संक्रमित मरीज भर्ती है। जबकि निजी हॉस्पिटल में कोविड मरीजों की बहुत काफी कम होने के बावजूद भी मौतें अधिक हो रही हैं।
आमतौर पर बेहतर उपचार के लिए लोग निजी हॉस्पिटल्स में जाते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन दिन में प्रदेश में 52 कोरोना संक्रमितों की मौत जान जा चुकी है। इसमें 38 मौतें निजी हॉस्पिटल में हुई है। गवर्नमेंट हॉस्पिटल में कोविड संक्रमण का पहले दिन से उपचार हो रहा है। वहीं, ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के मुताबिक संक्रमितों का उपचार किया जा रहा है। जबकि निजी हॉस्पिटल को सरकार ने बीते माह से संक्रमितों का उपचार कराने की अनुमति दे दी गई है।