श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर असदुद्दीन ओवैसी ने जताई आशंका यहाँ जाने क्या है। …
उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को हटाकर संबंधित जमीन वापस उसके मालिक श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट को सौंपे जाने के अनुरोध वाली याचिका शुक्रवार को सुनवाई के लिए मंजूर कर ली गई. इस पर ऑलं इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधा है.
असदुद्दीन ओवैसी ने विवादित बयान देते हुए ट्वीट किया जिस बात से डर था वही हो रहा है. बाबरी मस्जिद से जुड़े फैसलों की वजह से संघ परिवार के लोगों के इरादे और भी मज़बूत हो गए हैं. याद रखिए, अगर आप और हम अभी भी गहरी नींद में रहेंगे तो कुछ साल बाद संघ इस पर भी एक हिंसक मुहिम शुरू करेगी और कांग्रेस भी इस मुहिम का एक अटूट हिस्सा बनेगी उन्होंने लोगों से संघ परिवार से सतर्क रहने को कहा है.
جس بات سے ڈر تھا وہی ہو رہا ہے بابری مسجد سے جڑے فیصلوں کی وجہ سے سنگھ پریوار کے لوگوں کے ارادے اور بھی مضبوط ہو گۓ ہیں۔ یاد رکھۓ، اگر آپ اور ہم ابھی بھی گہری نیند میں رہیں گے تو کچھ سال بعد سنگھ اس پر بھی پرتشدد مہم شروع کرے گی اور کانگریس بھی اس مہم کا ایک اٹوٹ حصہ بنے گی
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 17, 2020
ओवैसी ने कहा पूजा का स्थान अधिनियम 1991, पूजा के स्थान को बदलने से मना करता है. गृह मंत्रालय को इस अधिनियम का प्रशासनिक अधिकार सौंपा गया है, इसकी प्रतिक्रिया कोर्ट में क्या होगी? शाही ईदगाह ट्रस्ट और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ने अक्टूबर 1968 में इस विवाद को हल किया. अब इसे पुनर्जीवित क्यों करें?
बता दें कि लखनऊ की वकील रंजना अग्निहोत्री और छह अन्य लोगों ने सोमवार को जिला न्यायाधीश साधना ठाकुर की अदालत में यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील हरीशंकर जैन और विष्णु जैन के माध्यम से दाखिल की थी. इस पर सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया साथ ही उन्होंने बताया कि उसके विरुद्ध याचिकाकर्ताओं ने अपील की जिस पर फैसला देते हुए जिला न्यायाधीश ने उनकी याचिका मंजूर कर ली और अगली सुनवाई के लिए 18 नवम्बर की तिथि भी सुनिश्चित कर दी.