लखनऊ कोर्ट : बलिया हत्याकांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया
बलिया हत्याकांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। धीरेंद्र को यूपी एसटीएफ ने रविवार को लखनऊ के जनेश्वर पार्क से गिरफ्तार किया था। उसके बाद आरोपी को बलिया में कोतवाली लाया गया। जहां आज उसे न्यायालय पेश किया गया।
रविवार को बलिया गोलीकांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह समेत पांच अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। यूपी एसटीएफ ने लखनऊ में पॉलीटेक्निक चौराहे के पास से धीरेंद्र को दबोचा था। वहीं, इस मामले में नामजद अभियुक्त संतोष यादव व अमरजीत यादव को बलिया के एक होटल के पास से गिरफ्तार किया गया। तीनों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित था।
दो और आरोपी अजय सिंह और धर्मेंद्र सिंह वाराणसी से गिरफ्तार किए गए, जो बीएचयू में भर्ती थे। इस मामले में अब तक 10 आरोपी पकड़े जा चुके हैं।
बलिया में रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर हत्याकांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह की पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही थी। उसने वीडियो वायरल कर अपना पक्ष रखा था, लेकिन उसे पकड़ा नहीं जा सका। आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि धीरेंद्र प्रताप के लखनऊ में छिपे होने की सूचना मिली थी।
इसके बाद एसटीएफ की टीम को सक्रिय किया गया था। फिलहाल, एसटीएफ धीरेंद्र को गिरफ्तारी के बाद लखनऊ से बलिया ले गई। इससे पहले शुक्रवार को पुलिस ने मुख्य आरोपी के भाई नरेंद्र प्रताप सिंह और देवेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया था। शनिवार को बलिया के हनुमानगंज निवासी मुन्ना यादव, राजप्रताप यादव एवं दुर्जनपुर निवासी राजन तिवारी को विवेचना में शामिल करने के बाद गिरफ्तार किया गया था।
एसटीएफ के मुताबिक, धीरेंद्र ने पूछताछ में बताया है कि 15 अक्तूबर को राशन की दुकान को लेकर बुलाई गई पंचायत में करीब 2,000 लोग इकट्ठा हुए थे। इसमें एक पक्ष धीरेंद्र का और दूसरा पक्ष कृष्ण कुमार यादव का था। पंचायत के दौरान यादव व उनके साथियों से कहासुनी हो गई।
इसी दौरान विपक्षियों ने गोली चला दी, जिससे धीरेंद्र का भतीजा गोलू सिंह और 5-6 महिलाएं घायल हो गईं। गोलू सिंह की बाद में मौत हो गई। जवाब में धीरेंद्र के पक्ष की ओर से फायरिंग की गई जिसमें जय प्रकाश पाल की मौत हो गई। इस मामले में आठ नामजद लोगों व अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था।
मामले की जांच कर रहे आजमगढ़ के डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे ने बताया कि इस घटना में केवल एक व्यक्ति जय प्रकाश पाल की मौत हुई है। धीरेंद्र द्वारा एसटीएफ को दी गई जानकारी निराधार है। जांच के दौरान कोई और तथ्य सामने आते हैं, तो उसे भी विवेचना में शामिल किया जाएगा। इस मामले में 28 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें 8 नामजद व 20 अज्ञात हैं।
आजमगढ़ रेंज के डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे ने भरोसा दिया है कि बाकी आरोपी भी जल्द पकडे़ जाएंगे। मुख्य आरोपी से यह पूछताछ की जाएगी कि उसने अपराध के वक्त कौन सा हथियार इस्तेमाल किया था और इसे जब्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि साल भर पहले एक सप्लाई इंस्पेक्टर से दुर्व्यवहार करने पर धीरेंद्र के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इस मामले में स्थानीय अदालत में आरोपपत्र भी दायर किया गया था।
डीआईजी ने कहा, बाकी के आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर आजमगढ़ और मऊ जिलों से स्वाट (स्पेशल वेपंस एंड टैक्टिस) टीमें भी लगाई गई हैं। बिहार पुलिस की भी मदद ली जा रही है। गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोपियों की संपत्तियां जब्त की जाएंगी। उन्होंने कहा, इस मामले में बलिया के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह की ओर से दिए सुबूतों की भी गहराई से जांच की जाएगी। विधायक ने इस मामले के पीछे कांग्रेस का हाथ बताया है।