बरेली जिला जेल में कैदी कर रहे रामलीला दे रहे सत्य की जीत का संदेश
गुनाह के दलदल में फंसे हाथों में जब में रामायण और गीता नजर आने लगे तो कहा जा सकता है कि सुधार की पुनीत पहल रंग लाने लगी है. बरेली जिला जेल में कुछ ऐसा ही होता नजर आ रहा है.
विभिन्न अपराध करने के बाद सलाखों के पीछे पहुंचे बंदी अब बरेली जेल में राम, लक्ष्मण, सीता और रावण के पात्र निभाते नजर आ रहे है. जेल की इस रामलीला पर सबकी निगाहें जमी हैं. अपराध में लिप्त सज़ा काट रहे कारागार के बंदी आयोजित रामलीला में कोई राम तो कोई रावण का पात्र बनकर असत्य पर सत्य की जीत का संदेश दे रहा है.
रामलीला के मंचन की ये झांकी बरेली जिला जेल की है जो आज कल पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है. यहां पर बन्द कैदी रामलीला का मंचन कर रहे है. जेल में बने एक बड़े से हॉल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए रामलीला हो रही है. जेल में इस तरह की रामलीला शायद पहले कभी नही हुई होगी.
जिन हाथो में कभी हथियार हुआ करते थे, जो लोग कभी चोरी, डकैती, लूट, बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में लिप्त रहते थे आज वो मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के पद चिन्हों पर चलना सिख रहे है. जिला जेल में हो रही रामलीला देखने के बाद आपको हमारी बात पर जरूर यकीन होगा. राम, सीता और रावण का किरदार निभा रहे कैदियो का कहना है की उन्होंने इससे पहले कभी रामलीला नहीं की. अब ये लोग भी प्रभु श्रीराम के पद चिन्हों पर चलने की बात कह रहे है.
जिला जेल में हो रही रामलीला से एक साफ संदेश मिल रहा है अगर कोई भी बंदी रामचरित मानस से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को सुधार लेता है तो इस रामलीला कराने का मकसद खुद अपने आप में पूरा हो जाता है