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बिहार : रेलवे गार्ड और ट्रेन चालकों का विरोध, काला बिल्ला लगाकर ट्रेन चला रहे लोको पायलट

नाइट एलाउंस में कटौती को लेकर रेल कर्मियों का गुस्सा चरम पर है। स्टेशन मास्टर, लोको पायलट और टे्रन के गार्ड काला बिल्ला लगाकर ड्यूटी कर रहे हैं। नाइट एलाउंस को लेकर रेल कर्मियों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। लोको पायलट और रनिंग गार्ड काला बिल्ला लगाकर ट्रेन चला रहे हैं, वहीं स्टेशन मास्टर भी इस विरोध का पुरजोर समर्थन कर रहे हैं। सभी स्टेशन मास्टर, लोको पायलट और गार्ड ने काला बिल्ला लगाकर काम करना शुरू किया। स्टेशन मास्टरों और अन्य रेल कर्मियों में सरकार के इस फैसले का जबरदस्त गुस्सा है। इनका कहना है कि रेल मंत्रालय का यह फैसला कर्मचारी हित में नहीं है। सरकार के इस फैसले का पुरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा। इसमें नाइट एलाउंस में कटौती और बोनस को लेकर आक्रोश व्यक्त किया गया। मांग पर अविलंब विचार नहीं किया गया तो 31 अक्टूबर को ऑन ड्यूटी और ऑफ ड्यूटी स्टेशन मास्टर 12 घंटे की भूख हड़ताल पर रहेंगे। सरकार का रवैये को रेल कर्मी बर्दाश्त नहीं करेंगे। कर्मियों ने कहा कि रेलवे में कार्यरत कर्मचारियों के साथ अन्‍याय हो रहा है। इसके बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा। कर्मचारियों को सम्‍मान के साथ न्‍याय मिले। इसके लिए सभी एकजुट हैं।

भीड़ के कारण नहीं प्रवेश कर सके कोच में, लौट गए  

मेमू पैसेंजर में ज्यादा भीड़ होने की वजह से सबौर, भागलपुर और सुल्तानगंज स्टेशन पर दर्जनों यात्री सफर करने से वंचित रह गए। टिकट लेने के बाद भी भीड़ के कारण कोच के अंदर प्रवेश नहीं कर सके। ऐसे में यात्रियों को वापस घर लौटना पड़ा। भागलपुर जंक्शन पर मेमू पैसेंजर से किऊल तक सफर करने आए यात्री राहुल, रामप्रवेश मंडल, स्वेता और राजीव ने बताया कि ट्रेन में काफी भीड़ है। ऐसे में कोच में प्रवेश करना भी मुश्किल था। रेलवे को दूसरी ट्रेन चलाने और मेमू में और कोच की संख्या बढ़ानी चाहिए।

लगातार उठ रही थी मांग

एलएचबी रैक वाली ट्रेनों में दिव्यांग कोच लगाने की मांग लगातार यात्री और सामाजिक संगठन उठाते रहे हैं। इसके लिए डीआरएम, जीएम से लेकर रेलवे बोर्ड और मंत्रालय को भी पत्र भेजा गया है।

 

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