आइजी के अपहरण के पीछे पाक के आंतरिक मंत्री का दिमाग, पाकिस्तानी रेंजर्स की कार्रवाई का किया बचाव
सिंध के आइजी पर कैप्टन (सेवानिवृत्त) सफदर के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के लिए दबाव डालना शाह के दिमाग की उपज हो सकता है क्योंकि पूरे विवाद की जड़ पाकिस्तानी रेंजर्स
इस्लामाबाद। पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा सिंध प्रांत के आइजी मुश्ताक मेहर के अपहरण और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता सफदर अवान की गिरफ्तारी के पीछे देश के आंतरिक मंत्री ब्रिगेडियर इजाज शाह का दिमाग माना जा रहा है। उन्होंने इन कार्रवाइयों का बचाव करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली में किसी भी राजनीतिक नेता को अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर राष्ट्रीय संस्थाओं को निशाना बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
सूत्रों के अनुसार, सिंध के आइजी पर कैप्टन (सेवानिवृत्त) सफदर के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के लिए दबाव डालना शाह के दिमाग की उपज हो सकता है क्योंकि पूरे विवाद की जड़ पाकिस्तानी रेंजर्स सीधे आंतरिक मंत्रालय के अधीन कार्य करते हैं। एक समाचार चैनल से बातचीत मे शाह ने कहा भी कि सरकार विरोधी रुख के लिए पीएमएल-एन के नेता नवाज शरीफ के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। संभवत: उन्होंने सोचा होगा कि उनके इस कदम से पीएमएल-एन और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) में दरार पैदा हो जाएगी क्योंकि सिंध में पीपीपी की सरकार है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और प्रधानमंत्री इमरान खान की फाइल फोटो।
इमरान सरकार ने विपक्ष पर कसा शिकंजा, नवाज शरीफ समेत अन्य पर भ्रष्टाचार के 11 नए मामले दर्ज
दरअसल, इस पूरे घटनाक्रम से लग रहा है कि पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट पीडीएम के बैनर तले विपक्षी पार्टियों की कराची में हुई सरकार विरोधी रैली और उसे मिले जनसमर्थन से इमरान खान सरकार बुरी तरह हिल गई है। यही वजह है कि रैली के बाद शरीफ के दामाद सफदर को गिरफ्तार कर लिया गया, हालांकि अब उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है।
बता दें कि इजाज शाह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के पूर्व अधिकारी हैं जिनकी आतंकियों के प्रति उनकी नीतियों और समर्थन के लिए अक्सर आलोचना की जाती है। पूर्व प्रधानमंत्री और पीपीपी की अध्यक्ष रहीं बेनजीर भुट्टो ने मरने से पहले एक पत्र में कहा था कि अगर उनकी हत्या हो जाए तो इजाज शाह के खिलाफ जांच की जाए। बेनजीर की हत्या के बाद पीपीपी ने शाह पर अलकायदा और तालिबान से संपर्को का आरोप लगाया था। वह पूर्व सैन्य तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ के भी विश्वस्त सहयोगी थे और उनके अपदस्थ होने के बाद भी उनके विश्वस्त बने रहे।
सिंध प्रांत के आइजी मुश्ताक मेहर के अपहरण के पीछे ब्रिगेडियर इजाज शाह का दिमाग माना जा रहा है।
पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा सिंध प्रांत के आइजी मुश्ताक मेहर के अपहरण और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता सफदर अवान की गिरफ्तारी के पीछे देश के आंतरिक मंत्री ब्रिगेडियर इजाज शाह का दिमाग माना जा रहा है।
इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा सिंध प्रांत के आइजी मुश्ताक मेहर के अपहरण और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता सफदर अवान की गिरफ्तारी के पीछे देश के आंतरिक मंत्री ब्रिगेडियर इजाज शाह का दिमाग माना जा रहा है। उन्होंने इन कार्रवाइयों का बचाव करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली में किसी भी राजनीतिक नेता को अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर राष्ट्रीय संस्थाओं को निशाना बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
सूत्रों के अनुसार, सिंध के आइजी पर कैप्टन (सेवानिवृत्त) सफदर के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के लिए दबाव डालना शाह के दिमाग की उपज हो सकता है क्योंकि पूरे विवाद की जड़ पाकिस्तानी रेंजर्स सीधे आंतरिक मंत्रालय के अधीन कार्य करते हैं। एक समाचार चैनल से बातचीत मे शाह ने कहा भी कि सरकार विरोधी रुख के लिए पीएमएल-एन के नेता नवाज शरीफ के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। संभवत: उन्होंने सोचा होगा कि उनके इस कदम से पीएमएल-एन और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) में दरार पैदा हो जाएगी क्योंकि सिंध में पीपीपी की सरकार है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और प्रधानमंत्री इमरान खान की फाइल फोटो।
इमरान सरकार ने विपक्ष पर कसा शिकंजा, नवाज शरीफ समेत अन्य पर भ्रष्टाचार के 11 नए मामले दर्ज
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दरअसल, इस पूरे घटनाक्रम से लग रहा है कि पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के बैनर तले विपक्षी पार्टियों की कराची में हुई सरकार विरोधी रैली और उसे मिले जनसमर्थन से इमरान खान सरकार बुरी तरह हिल गई है। यही वजह है कि रैली के बाद शरीफ के दामाद सफदर को गिरफ्तार कर लिया गया, हालांकि अब उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है।
बता दें कि इजाज शाह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के पूर्व अधिकारी हैं जिनकी आतंकियों के प्रति उनकी नीतियों और समर्थन के लिए अक्सर आलोचना की जाती है। पूर्व प्रधानमंत्री और पीपीपी की अध्यक्ष रहीं बेनजीर भुट्टो ने मरने से पहले एक पत्र में कहा था कि अगर उनकी हत्या हो जाए तो इजाज शाह के खिलाफ जांच की जाए। बेनजीर की हत्या के बाद पीपीपी ने शाह पर अलकायदा और तालिबान से संपर्को का आरोप लगाया था। वह पूर्व सैन्य तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ के भी विश्वस्त सहयोगी थे और उनके अपदस्थ होने के बाद भी उनके विश्वस्त बने रहे।
पूर्व पीएम खाकन ने इमरान को ठहराया जिम्मेदार-
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने गुरुवार को कहा कि सिंध प्रांत के घटनाक्रम के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं क्योंकि आइएसआइ और रेंजर्स सीधे उन्हीं से ही आदेश प्राप्त करते हैं। सच्चाई यह है कि प्रधानमंत्री ने ही यह गैरकानूनी आदेश दिया था। यह बहुत ही गंभीर मामला है। संविधान का उल्लंघन किया गया, प्रांत के अधिकारों को चुनौती दी गई और प्रांत के शीर्ष अधिकारी का अपहरण कर लिया गया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर इसमें शामिल लोगों को जिम्मेदार ठहराने का आग्रह किया। वहीं, देश के सूचना मंत्री शिबली फराज ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पीएमएल-एन सरकार को कमजोर करने का प्रयास कर रही है।