आज होगा माँ महागौरी का पूजन जाने पूजन विधि के बारे मे
माँ दुर्गा का अष्टम रूप महागौरी है महागौरी का पूजन नवरात्री के आठवे दिन किया जाता है यह दिन बहुत ही शुभ होता है इस दिन महागौरी की उपासना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते है नवरात्री की अष्टमी को लोग अनेक कार्यो का शुभारम करते है माँ महागौरी की आराधना मनोवांछित फल प्रदान करने वाली है | महागौरी आदि शक्ति है इनके तेज से सम्पूर्ण जगत प्रकाशमान होता है दुर्गासप्तसती में उल्लेखनीय है की शुम्भ निशुम्भ राक्षसों से पराजित होने के पश्चात देवताओ ने गंगा तट पर जिन देवी की आराधना की वे आदि शक्ति महागौरी ही है
महागौरी के विषय में दो कथाय प्रचलित है एक कथा के अनुसार महादेव शिव जी को पति रूप में प्राप्त करने के लिए देवी न कठोर तपस्या की थी जिससे उनका शरीर काला पड़ गया था उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ने देवी को स्वीकार किया तथा उनका शरीर गंगा जल से धोया तब देवी का शरीर अत्यंत कांतिमान और तेजपूर्ण हो गया है और तभी से इन्हे महागौरी कहा जान लगा
दूसरी कथा के अनुसार शिवजी ने पार्वती जी के रूप के लिए कुछ कटु शब्द कह दिए थे जिससे माँ पारवती जी आहात हुई और कठोर तपस्या में लीन हो गयी जब अनेक वर्षो तक माँ पार्वती वापस नहीं आयी तब शिवजी उनकी खोज में निकल पड़े और उन्हें ढूंढ लिया जैसे ही शिवजी ने माँ पार्वती को देखा वो आश्चर्यजनिक हो गए उनके चेहरे पर तेज श्वेत रंग और उनकी ओझ पूर्ण काय देखकर शिव जी ने उन्हें गौर वर्ण का वरदान दिया और तभी से पर्वती जी महागौरी के नाम से जाना जाने लगा
चार भुजाओ वाली महागौरी की दाहिनी भुजा में अभय मुद्रा और त्रिशूल है तथा बायीं ओर भुजा में डमरू,वर्णन मुद्रा है देवी महागौरी का स्वरुप नेत्रों को सुख और शान्ति प्रदान करने वाला है महागौरी की सवारी वृषभ अर्थात बैल है देवी महागौरी ने शिवजी को अपनी तस्य से प्रसन्न किया और उन्हें पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठिन से कठिन तपस्या की इसलिए विवाहित स्त्रियाँ अपने सुहाग की रक्षा की प्रार्थना के साथ अष्टमी के दिन महागौरी को लाल रंग की चुनरी और सुहाग की अन्य वस्तुए अर्पित करती है महागौरी की उपासना करने पर कल्याणकारी है और भक्तो के सभी कष्ट हरने वाली है इसलिए अष्टमी के दिन माँ से प्रार्थना करनी चाहिए और शुद्ध मन से आराधना कर उनकी शरण में जाने का प्रयत्न करना चाहिए
महागौरी का ध्यान मष्तिष्क में किया जाता है नवरात्रो के प्रतिदिन की भाँति विधि विधान के साथ पूजा करनी चाइये तथा संध्याआरति करना न भूले महागौरी नवरात्रि के आठवे दिन माता के इसी स्वरुप की उपासना होती है मान्यता है महा गौरी की पूजा करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते है देवी महागौरी राहु गृह को नियंत्रित करती है | इनकी पूजा करने से राहु के बुरे प्रभाव समाप्त हो जाते है नवरात्र के आठवे दिन गुलाबी रंग के वस्त्र पहनने चाहिए साथ ही माता जी को नारियल का भोग लगाना अतिशुभ माना जाता है इससे माता सुख समृद्धि का वरदान देती है तथा उन्हें प्रसन्न करने के लिए इस मन्त्र का प्रयोग करे ॐ ऍंग रिंग क्लिंग महागौरिये नमः