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दिल्ली : ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान का लोग नहीं कर रहे पालन, रेड लाइट पर बसों के इंजन चालू

राजधानी दिल्ली में इन दिनों बढ़ते प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान को सरकार के अपने लोग पालन नहीं कर रहे हैं। खासतौर से दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) व कलस्टर बस चालक रेड लाइट पर बस का इंजन बंद नहीं करते, जिसके चलते बड़ी संख्या में रेड लाइट पर बसों का इंजन चालू रहता है। इसकी वजह से दिल्ली का प्रदूषण बढ़ रहा है। वहीं, कुछ ऑटो और कैब चालक भी इस मुहिम में सरकार का साथ नहीं दे रहे हैं।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय इन दिनों राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए हर जोर कोशिश में लगे हुए हैं। उन्होंने पिछले दिनों युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध के तहत रेड लाइट ऑन इंजन ऑफ अभियान की शुरुआत की है। उन्होंने खुद इस अभियान का मोर्चा संभाला हुआ है, जो समय समय पर रेड लाइट पर जाकर खुद लोगों को गुलाब का फूल देकर जागरूक कर रहे हैं।

20 फीसद तक कम होगा दिल्ली का प्रदूषण

वह लोगों को बताते हैं कि अगर रेड लाइट पर अपनी गाड़ी का इंजन ऑफ कर लेंगे तो इससे दिल्ली के प्रदूषण में गिरावट आएगी। दिल्ली में करोड़ों गाड़ियां हैं। जो दिन भर में 20 से 25 मिनट तक एक रेड लाइट पर रुकती हैं। ऐसे में अगर सभी लोग रेड लाइट पर गाड़ियां बंद कर लेंगे तो इससे राजधानी में 20 फीसद तक प्रदूषण का स्तर कम किया जा सकता है। दिल्ली सरकार की इस मुहिम में लोग जमकर साथ दे रहे हैं। खासतौर से निजी वाहन चालक इन दिनों रेड लाइट पर अपनी कार, बाइक, स्कूटर, स्कूटी आदि का इंजन बंद करते हैं। वहीं दूसरी ओर सरकार के अपने ही विभागीय लोग रेड लाइट पर सरकार की इस मुहिम को अंगूठा दिखाते नजर आ रहे हैं। इनमें रेड लाइट पर डीटीसी बस चालक अपनी बस बंद नहीं करते।

वाहन चालक रवि कुमार ने कहा कि आम जनता तो सरकार के इस अभियान में जमकर साथ दे रही हैं, लेकिन अगर डीटीसी चालक ही बस बंद नहीं करेंगे तो इससे अभियान कैसे सफल होगा। सरकार को इस ओर थोड़ा सा ध्यान देने की जरूरत है। वही स्कूटी सवार संतोष कुमार ने कहा कि सरकार की ओर से चलाया अभियान बहुत ही अच्छा है, लेकिन डीटीसी बस चालक इस अभियान को पलीता लगा रहे हैं। जो पर्यावरण के लिए अच्छा नहीं है।

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