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पॉल्यूशन मेजरमेंट में लापरवाही:-

क्लॉक टावर पर पिछले कई महीनों से नहीं हुआ पीएम-2.5 का मेजरमेंट इक्विपमेंट फेल होना बताया जा रहा है कारण दून में पॉल्यूशन लगातार बढ़ रहा है। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से सिटी में तीन जगहों पर पॉल्यूशन मेजरमेंट किया किया जाता है। इसके लिए बाकायदा इक्विपमेंट भी लगाये गये हैं, लेकिन पॉल्यूशन मेजरमेंट में किस तरह लापरवाही बरती जा रही है, इसका एक उदाहरण यह है कि पिछले मार्च से क्लॉक टावर में सबसे खतरनाक पीएम-2.5 पार्टिकल मेजरमेंट करने वाला इक्विपमेंट खराब है।

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उत्तराखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के इस वर्ष जनवरी से सितम्बर तक के पॉल्यूशन आंकड़ों में नजर डालें से सभी जगहों पर जनवरी और फरवरी और मार्च मार्च की तुलना में अप्रैल में पॉल्यूशन बहुत कम दर्ज हुआ है। इसकी वजह कोविड-19 लॉकडाउन बताया गया है। खास बात यह है कि क्लाक टावर पर मार्च के बाद से पीएम-2.5 का मेजरमेंट ही नहीं हु़आ है। पीएम-2.5 की मेजरमेंट की जगह आईएफ यानी इक्विपमेंट फेलर लिखा गया है।

बिजली विभाग किसी कंज्यूमर के मीटर खराब हो जाने पर एवरेज रीडिंग काउंट करता है और उसी हिसाब से कंज्यूमर को बिल दिया जाता है। यह एवरेज पिछले महीनों की कंजप्शन के आधार पर निकाला जाता है। बिजली विभाग की तर्ज पर ही पॉल्यूशन बोर्ड भी पॉल्यूशन की एवरेज रीडिंग निकाल रहा है। बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष जनवरी में क्लॉक टावर पर पीएम-2.5 का मेजरमेंट एवरेज 92.27 मिग्रा पर क्यूबिक मीटर और फरवरी में 91 मिग्रा पर क्यूबिक मीटर था। मार्च में कोई मेजरमेंट दर्ज नहीं की गई है। अप्रैल में पीएम-2.5 की मेजरमेंट 47.62 मिग्रा पर क्यूबिक मीटर दर्ज की गई है। लेकिन, अप्रैल के बाद हर महीने मेजरमेंट की जगह आईएफ यानी इक्विपमेंट फेलर लिखा गया है। अगस्त में आरएफ यानी रेन फॉल लिखा गया है। यानी कि अप्रैल के बाद में मेजरमेंट हुई ही नहीं है, इसके बावजूद जनवरी से सितंबर तक का एवरेज मेजरमेंट 76.96 मिग्रा पर क्यूबिक मीटर दर्शाया गया है।

एयर पॉल्यूशन में पीएम-2.5 की मेजरमेंट सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह पार्टिकल सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है। हालांकि इसके अलावा पीएम-10, सल्फर डाई ऑक्साइड और नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड की भी मेजरमेंट की जाती है। सिटी के हार्ट क्लॉक टावर पर सबसे ज्यादा खतरनाक पीएम-2.5 का मेजरमेंट न होने को एसडीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने बेहद चिन्ताजनक बताया है।

पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा सिटी में क्लॉक टावर के अलावा आईएसबीटी और रायपुर रोड पर भी पॉल्यूशन मेजरमेंट किया जाता है। लेकिन, यह मेजरमेंट रोटेशन के हिसाब से किया जाता है। अलग-अलग दिन अलग-अलग जगहों पर पॉल्यूशन मेजरमेंट किया जाता है। क्लॉक टावर के अलावा अन्य दोनों स्पॉट पर सभी इक्विपमेंट ठीक बताये गये हैं।

इक्विपमेंट खराब हो जाने के कारण कई बार मेजरमेंट संभव नहीं हो पाती है। ऐसा कहीं भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में एवरेज मेजरमेंट निकाला जाता है।

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