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कलेक्ट हो रहे सैंपल, नहीं हो रहा एक्शन:-

रांची राजधानी में मिलावटखोर बेखौफ होते जा रहे हैं। उन्हें पता होता है कि त्योहारों के दौरान जिला प्रशासन और फूड सेफ्टी विभाग जिले में मिलावटी मिठाई और खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर कड़ाई तो करते हैं लेकिन फिर उसके बाद उसका कोई फालोअप नहीं करते। ऐसे लोगों को प्रशासन का कोई भय नहीं है। वजह यह कि अलग-अलग समय में प्रशासन की ओर से मिठाई दुकानों की चेंकिंग तो की जाती है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर चेतावनी वाला नोटिस थमाने के सिवाय कुछ नहीं होता है |

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पिछले कुछ दिनों से रांची जिले में अलग-अलग समय में मिठाई दुकानों की जांच हुई। हिनू, बिरसा चौक, सिंह मोड़, अशोक नगर, अरगोड़ा, धुर्वा सेक्टर 6 जैसे इलाकों में जांच अभियान चलाया गया। ये विशेष जांच खोवा के लिए चलाया गया, जिसमें कुछ मिठाई दुकानों में मिलावट पाई गई। लेकिन दुकानदारों को सिर्फ नोटिस थमा दिया गया और कहा गया कि अब ये इस तरह के पदार्थ नहीं बेचेंगे। इस दौरान कुछ दुकानों के खाद्य पदार्थो को फेंक भी दिया गया। हालांकि किसी का लाइसेंस रद्द नहीं किया गया।

जिले में पिछले दो सालों में कई बार खाद्य पदार्थो की जांच की गई। लेकिन मिलावट पाये जाने पर एक भी प्रतिष्ठान बंद नहीं किया गया। लाइसेंस तक रद्द नहीं हुआ। पिछले साल डोसा प्लाजा में भी मिलावटी पनीर पाया गया था। तत्कालीन एसडीओ गरिमा सिंह ने जांच की थी। इसके बाद भी डोसा प्लाजा का लाइसेंस रद्द नहीं किया गया। इस दौरान कई और प्रतिष्ठानों की भी जांच की गयी थी जिसमें दुर्गा दाल मील में भी मिलावटी रंग इस्तेमाल करते हुए पाया गया था।

बता दें कि वर्तमान में लाइसेंस लेने और रद्द करने की प्रक्रिया ऑनलाइन है। ऐसे में कोई संदेह होने पर ऑनलाइन एडिटिंग की जाती है। तीस दिनों का समय प्रतिष्ठानों को दिया जाता है। अगर तीस दिनों में उचित जानकारी नहीं दी जाती है तो लाइसेंस रद्द किया जाता है। लेकिन ऐसे दुकानों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई जिसके कारण मिलावटखोरों की संख्या बढ़ती जा रही है |

इस संबध में जिला फूड सेफ्टी ऑफिसर एचएस कुल्लू ने बताया कि पिछले दो साल में एक भी प्रतिष्ठान बंद नहीं किये गये हैं न ही लाइसेंस रद्द किया गया है। फिलहाल खोवा के लिए अभियान चलाया जा रहा था जिसमें कुछ प्रतिष्ठानों को नोटिस दिया गया। वहीं दिसंबर तक त्योहारी सीजन रहता है। ऐसे में इस दौरान अभियान चलता रहेगा। कुल्लू के अनुसार प्रतिष्ठानों को बेस्ट बिफोर यूज, एक्सपायरी डेट, एमएफजी डेट आदि लिखना जरूरी किया गया है।

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