जबलपुर 131 साल से नहीं पड़ी कड़ाके की ठंड, तीन साल पहले 9 डिग्री तक गिरा था पारा :-
नवम्बर माह के आगाज के साथ ही जिस तरह ठंड असर दिखा रही है, उसे देखते हुए कड़ाके की ठंड पड़ने की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं। स्वास्थ्य विभाग ने ठंड में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका भी जाहिर कर दी है। लेकिन मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो नवम्बर में पिछले 131 सालों से अभी तक भीषण ठंड नहीं पड़ी है। तीन साल पहले वर्ष 2017 में जरूर रात का पारा नौ डिग्री तक गिर गया था। तब लोगों ने कड़ाके की ठंड महसूस की थी। पिछले एक दशक से रात का तापमान औसतन 10 से 13 डिग्री के आस-पास ही बना रहा।
सुहाना है नवम्बर का सर्द सीजन मौसम विभाग की माने तो नवंबर माह में भले ही ठंड का ज्यादा असर न हो। मानसून की नम हवाओं की जगह उत्तर की हवाएं बहने से मौसम सुहाना जरूर हो गया है। सतही हवा दक्षिण और उत्तर पूर्वी हो जाए तो मौसम और भी सुहाना हो जाता है।
नबंवर माह में दिन और रात का तापमान भी औसत ही रहता है। अधिकतम तापमान जहां 28 से 30 के बीच बना रहता है वहीं न्यूतम तापमान औसतन 14 से 16 डिग्री सेल्सियस के बीच ही रहता है। मौसम विभाग के पिछले 10 सालों के रिकार्ड पर नजर दौड़ाए तो वर्ष 2017 को छोड़ दें कि बाकी साल न्यूनतम पारा 10 डिग्री से लेकर 13 डिग्री के इर्द-गिर्द ही रहा। लिहाजा यह माना जा रहा है कि इस बार भी पारे की चाल औसतन ही रहेगी।
मौसम विभाग के मुताबिक आखिरी बार जबलपुर में सबसे ज्यादा ठंड 131 साल पहले वर्ष 1889 में 12 नवंबर को पड़ी थी। न्यूनतम तापमान 3.9 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था। औस की बूंदें गिरते ही हवा में ही जम जाती थीं। इसके बाद से लेकर अभी तक ऐसी ठंड रिकार्ड नहीं की गई। वर्ष 2017 में भी पारा जब 9.6 डिग्री तक नीचे आ गया था जब भी लोगों ने कड़ाके की ठंड का अहसास किया था।
पिछले 10 सालों में ऐसी पड़ी ठंड
साल – न्यूनतम तापमान
2010 – 13.1
2011 – 11.6
2012 – 11.7
2013 – 10.6
2014 – 10.5
2015 – 14.3
2016- 11.5
2017 – 9.6
2018 – 10.8
2019 – 13.6 |