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रायपुर में एक ही परिवार के छह सदस्यों ने पेश की अनूठी मिसाल समाज हित में उठाया यह कदम :-

इस दुनिया से जाने के बाद यदि हमारा शरीर किसी के काम आए और उनके जीवन में एक नई उम्मीद जागे तो भला इससे बड़ा पुण्य हम और क्या कर सकते हैं। इसी सोच को लेकर एक ही परिवार के छह सदस्यों ने घोषणा की है कि मरणोपरांत उनके शरीर को दान (देहदान) कर दिया जाए। देहदान करने की घोषणा करते हुए परिवार के 6 सदस्यों ने वसीयत बनाकर नवदृष्टि एवं छत्तीसगढ़ ब्लड डोनर फाउंडेशन के सदस्यों को सौंपी है।

पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के 20 वें स्थापना दिवस के मौके पर जबलपुर के मूल निवासी और वर्तमान में रायपुर के अनुपम नगर में निवासरत 87 वर्षीय 85 वर्षीय विश्वकर्मा परिवार के सदस्यों ने समाज हित मे यह नेक कार्य करने का फैसला लिया है। अनुपम नगर में रहने वाले 87 वर्षीय रामसेवक विश्वकर्मा, 85 वर्षीय पत्नी रमा विश्वकर्मा, पुत्र 61 वर्षीय इंद्रकुमार, विजय कुमार, पुत्रवधू अर्चना विश्वकर्मा, सरोज विश्वकर्मा ने देहदान की वसीयत बनाकर घोषणा कर दी है। साथ ही अपने सोसायटी सहित अन्य लोगों को भी इस नेक कार्य के लिये आगे आने और समाज के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा दी है।

कोरोना काल में चित्रकार
छत्तीसगढ़ ब्लड फाउंडेशन एवं नव दृष्टि के सदस्य विवेक साहू के अनुसार पूरे परिवार के सदस्यों में समाज सेवा के प्रति जागरूकता है। देहदान करने वाले सदस्य एक ही बात कहते हैं कि यह शरीर अनमोल है। दुनिया से जाने के बाद इस शरीर को राख बन जाना है, या मिट्टी में मिल जाना है, तो क्यों ना यह शरीर जरूरतमंदों के काम आए। साइंस ने बहुत तरक्की की है, हमारी आंखें, किडनी एवं अन्य अंग किसी की बुझी हुई जिंदगी में रोशनी बिखेर सकती है। पूरे परिवार ने पहले देहदान और नेत्रदान से संबंधित पूरी जानकारी ली उसके पश्चात घोषणा करके वसीयत सौंप दी है। इस दौरान संस्था के सदस्य प्रणय साहू, श्रद्धा साहू, प्रशांत साहू, गौरव दुबे आदि मौजूद रहे।

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