डीएम ने जारी किये निर्देश, पटाखे बेचने के लिए करना होगा इन नियमों का पालन :-
डीएम जसजीत कौर ने दीपावली पर्व पर आतिशबाजी को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है। डीएम ने कहा कि त्यौहार के दौरान आतिशबाजी की अस्थायी दुकानों के लिए शर्तों के अनुसार अनुमति दी जाएगी। आतिशबाजी को अज्वलनशील सामग्री के बने शैड में रखना होगा। दुकानों के बीच कम से कम तीन मीटर की दूरी रखनी होगी। शैड में या शैडों की सुरक्षित दूरी के भीतर तेल से जलने वाले लैंपों या खुली बत्तियों का प्रयोग नहीं किया जाएगा। यदि विद्युत बत्तियां उपयोग की जाती है तो दीवार या छत पर फिक्स किए जाएंगे। प्रत्येक दुकान के स्विचों को दीवारों पर दृढ रूप से फिक्स किया जाएगा। एक समूह में पचास से अधिक दुकानों को अनुमति नहीं मिलेगी। आतिशबाजी की दुकानों के ऐसे समूह के लिए प्राथमिक चिकित्सा, एम्बुलैंस और कम से कम दो अग्निशमन वाहन उपलब्ध होंगे। प्रमुख स्थानों पर एक चेतावनी बोर्ड ‘विस्फोटक या खतरनाक पदार्थ’ प्रदर्शित करना होगा। डीएम ने कहा कि क्लोरेट युक्त आतिशबाजी जैसे की रंगीन, तारा बत्तियां एवं रोल/डाॅट कैप्स को न दुकान में रखा जाएगा और न बेचा जाएगा। केवल अधिकृत आतिशबाजी की बिक्री की जाएगी। 18 वर्ष से कम आयु के बच्चांेे को उस समय तक आतिशबाजी की बिक्री नहीं की जाएगी जब तक उनके साथ कोई बडा व्यक्ति न हो। दुकान के अंदर अनावश्यक भीड को एकत्रित नहीं किया जाएगा। किसी भी दुकान पर खुली आतिशबाजी नहीं रखी जाएगी। पर्याप्त संख्या में अग्निशमन यंत्र एवं बालू से भरी बाल्टियां रखनी होगी। डीएम ने लोगों से अपील की कि वे पर्यावरण को प्रदूषित करने वाली आतिशबाजी का प्रयोग न करें बल्कि ग्रीन आतिशबाजी का ही इस्तेमाल करें इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता। उन्होंने पुलिसकर्मियों एवं अग्निशमन अधिकारियो को भी आदेशों का पालन कराने के निर्देश दिए।
केवल विश्वसनीय व लाइसेंसधारक विक्रेता से ही आतिशबाजी खरीदें। -बडे लोगों की मौजूदगी में ही आतिशबाजी करें। -आतिशबाजी पर अंकित सुरक्षा उपायों का कड़ाई से पालन किया जाए। -आतिशबाजी को सुलगाने हेतु मोमबत्ती या अगरबत्ती का प्रयोग किया जाए। -प्रारंभिक छुटपुट आग को बुझाने हेतु हमेशा पानी से भरी बाल्टी तैयार रखें। -हवाई आतिशबाजी को हमेशा सुरक्षित भूमि क्षेत्र में ही छुडाएं। -आतिशबाजी को पानी में सही प्रकार से भिगोकर ही भेजें। -रात 10 से 06 बजे के बीच में आतिशबाजी न करें। -हाथ में पकड़कर पटाखे न सुलगाएं। पहले नीचे रखें, फिर उन्हें सुलगाएं तथा वहाॅ से हट जाएं। -किसी भी आतिशबाजी को सुलगाने हेतु किसी डिब्बे में न रखें। -सही तरीके से कार्य न करने वाले किसी भी पटाखे को प्रयोग में न लाएं। -किसी भी ऐसे स्थान पर हवाई आतिशबाजी न छुटाएॅ जहाॅ ऊपर आसमान में जाने के लिए रूकावट हो जैसे पेड़, पत्ते, तार इत्यादि -खुली इमारत के पास कभी भी आतिशबाजी न सुलगाएं। खुली खिड़की या खुली दरवाजों से भी हवाई आतिशबाजी का प्रयोग न करें। -घरों के भीतर आतिशबाजी का प्रयोग न करें। -सार्वजनिक आने जाने के रास्ते पर पटाखे न जलाएं। -बच्चों को अकेले पटाखे जलाने की अनुमति न दें।