तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी को वेल यात्रा निकालने से आखिर तमिलनाडु सरकार ने क्यों किया इंकार जाने क्या है पूरा मामला
तमिलनाडु सरकार ने सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से ‘वेल यात्रा’ निकालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. हालांकि, इसके बाद भी बीजेपी यात्रा निकालने की जिद पर अड़ी है. तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष का कहना है कि मैं भगवान मिरुगा की प्रार्थना करना चाहता हूं, यह मेरा संवैधानिक अधिकार है.
महाधिवक्ता विजय नारायण ने गुरुवार को मद्रास हाई कोर्ट को जानकारी दी. इस यात्रा की शुरुआत तमिलनाडु के उत्तर में तिरुत्तानी मंदिर से आज से होनी थी, जो दक्षिणी भाग में तिरुचेंदुर मंदिर में खत्म होती. बीजेपी की ओर से ‘वेल यात्रा’ के लिए बड़ी तैयारी की गई थी, वहीं विपक्षी दलों ने इसका विरोध कर हे थे.
बीजेपी की वेल यात्रा के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट में दो जनहित याचिकाएं दाखिल की गई थी. याचिकाकर्ताओं में से एक ने तर्क दिया कि यात्रा सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ सकती है, क्योंकि यह 6 दिसंबर को खत्म होगी, जिस दिन बाबरी मस्जिद विध्वंस हुआ था.
यात्रा का नेतृत्व करने वाले तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष एल मुरुगन ने 15 अक्टूबर को डीजीपी जेके त्रिपाठी से अनुमति लेने के लिए संपर्क किया था. डीजीपी ने अनुमति के लिए पार्टी को संबंधित जिलों के एसपी और पुलिस आयुक्तों से संपर्क करने के लिए कहा था और स्थानीय परिस्थितियों पर विचार करने के लिए सहमति देने के लिए निर्देश जारी किया था.
कोरोना के कारण तमिलनाडु सरकार ने यात्रा को निकालने की इजाजत नहीं दी. इस पर तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष एल मुरुगन ने कहा कि मैं भगवान मिरुगा की प्रार्थना करना चाहता हूं, यह मेरा संवैधानिक अधिकार है. हर व्यक्ति को पूजा करने का अधिकार है. यह उनका मौलिक अधिकार है, इसलिए मैं थिरुथानी के लिए आगे बढ़ रहा हूं.