डिसइंफेक्टेंट टनल में लोगों पर केमिकल छिड़काव पर SC ने रोक लगाने का दिया आदेश
कोरोना से बचाव के लिए डिसइंफेक्टेंट टनल में लोगों पर रसायन छिड़काव और उनको अल्ट्रावायलेट किरणों से गुजारने को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस पर पाबंदी लगाने का आदेश दिया है। अदालत ने सरकार से इस पर विचार करने और जरूरी निर्देश जारी करने को कहा है। कोर्ट ने लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए इस संबंध में एक महीने के भीतर जरूरी कार्रवाई करने को कहा है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने यह आदेश दिया है। गुरसिमरन ने याचिका में कहा कि इस तरह के टनल पर पूरी तरह रोक लगनी चाहिए। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने माना था कि डिसइंफेक्टेंट टनल में किया जाने वाला छिड़काव सेहत के लिए हानिकारक है।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में स्वयं माना है कि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और इसकी सलाह नहीं दी जाती है। केंद्र के पास डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत व्यापक शक्तियां और जिम्मेदारी है। कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह इन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए टनल में लोगों पर केमिकल छिड़काव और कृत्रिम अल्ट्रावयलेट किरणों से गुजारने पर पाबंदी लगाने या उसका नियमन करने पर विचार कर जरूरी निर्देश जारी करे।