दिल्ली : कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा असर, वंचितों को ढाई घंटे के लिए दिए जा रहे लैपटॉप
कोरोना संक्रमण के बीच बच्चों की पढ़ाई सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है। इलाके के कई बच्चे ऐसे हैं जिनके पास न तो स्मार्टफोन है और न ही लैपटॉप। साथ ही कई परिवारों में पढ़ने वाले बच्चे ज्यादा हैं और मोबाइल फोन एक ही है। इस परेशानी को देखते हुए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के साथ मिलकर गैर सरकारी संगठन सार्ड ने एक पहल की है, जिसके तहत बच्चों को ढ़ाई घंटे के लिए लैपटॉप दिया जा रहा है, जिसमें उनकी कक्षा के सिलेबस मौजूद रहते हैं और वे इससे पढ़ाई कर रहे हैं। द्वारका सेक्टर-23 के सामुदायिक भवन में यह कक्षा प्रतिदिन दोपहर तीन बजे से लेकर शाम के साढ़े पांच बजे तक लगती है। अभी इस कक्षा का लाभ करीब सौ बच्चे उठा रहे हैं।
द्वारका-बी वार्ड की निगम पार्षद कमलजीत सहरावत ने कहा कि बच्चों को लैपटॉप एचपी कंपनी मुहैया करा रही है। प्रतिदिन कंपनी की गाड़ी ठीक पौने तीन बजे सामुदायिक भवन पर पहुंच जाती है और बच्चों को लैपटॉप दिया जाता है। अभी यह सुविधा कक्षा सात, आठ, नौ व दसवीं के बच्चों को दी जा रही है। लैपटॉप में रजिस्ट्रेशन के बाद बच्चों को अपनी कक्षा के सिलेबस मिलते हैं और वे आसानी से अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं। इस दौरान एक शिक्षक भी मौजूद रहते हैं और अगर कोई परेशानी छात्रों को होती है तो उसे दूर किया जाता है। सार्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर भटनागर ने कहा कि इस लैपटॉप में बच्चों की सहूलियत का काफी ध्यान रखा गया है। बच्चे पढ़ाई के समय अगर सवाल का जवाब गलत दे रहे हैं तो उन्हें जानकारी मिल जाती है। जब तक उस सवाल का सही जवाब नहीं मिलता है तब तक आगे की पढ़ाई नहीं हो सकती है। साथ ही बच्चों द्वारा की जा रही पढ़ाई का मूल्यांकन भी लैपटॉप में हो जाता है।
इससे बच्चों को पता चलता रहता है कि वे पढ़ाई ठीक कर रहे हैं या नहीं। साथ ही बच्चे को पहले दिन जो लैपटॉप दिया जाता है उसे ही दूसरे दिन भी दिया जाता है, जिससे कि वे आगे की पढ़ाई कर सकें। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमने उन बच्चों का चुनाव किया है जिनके पास स्मार्टफोन व लैपटॉप नहीं हैं। यह अभियान दिल्ली के अलावा गुरुग्राम में भी चल रहा है।