शिव पंचाक्षर मंत्र एवं स्तोत्र आपके सभी कष्टों को करेगा दूर
सावन का महीना शिव के भक्तों के लिए सबसे बेहतरीन महीना कहा जाता है. इस महीने में जो भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति से शिव जी का पूजन करता है उसके सभी काम सफल हो जाते हैं. ऐसे में आप सभी को आज हम बताने जा रहे हैं उस स्त्रोत के बारे में जिसे पढ़कर आप शिव जी को खुश कर सकते हैं. जी हाँ, आज हम आपको बताने जा रहे हैं शिव पंचाक्षर मंत्र और शिव पंचाक्षर स्तोत्र के बारे में जिसके जाप से आप भगवान शिव की आराधना कर उन्हें खुश कर सकते हैं. इसी के साथ अपनी सभी मनोकामना को पूरा करवा सकते हैं. आइए बताते हैं.
शिव पंचाक्षर मंत्र – ‘ओम नमः शिवाय’. जी दरअसल ऐसा कहते हैं कि भगवान शिव ने सभी मानव जाति के कल्याण के उद्देश्य से स्वयं शिव पंचाक्षर मंत्र ‘ओम नमः शिवाय’ की उत्पत्ति की. जी हाँ और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसे सबसे पहला मंत्र माना जाता है. जी दरअसल इसी मंत्र का जप कर सभी प्रकार की सिद्धियों का हासिल कर सकते है. वैसे इसी के जाप से मनुष्य के किए गए पापों का नाश होता है. इसी के साथ भगवान शिव की स्तुति करने से भी बड़े लाभ होते हैं. ध्यान रहे जब भी शिव पूजा करें तो शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करें.
शिव पंचाक्षर स्तोत्र-
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय.
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:..
मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय.
मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:..
शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय.
श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:..
वषिष्ठ कुभोदव गौतमाय मुनींद्र देवार्चित शेखराय.
चंद्रार्क वैश्वानर लोचनाय तस्मै व काराय नम: शिवाय:..
यज्ञस्वरूपाय जटाधराय पिनाकस्ताय सनातनाय.
दिव्याय देवाय दिगंबराय तस्मै य काराय नम: शिवाय:..
पंचाक्षरमिदं पुण्यं य: पठेत शिव सन्निधौ.
शिवलोकं वाप्नोति शिवेन सह मोदते..
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय.
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे ‘न’ काराय नमः शिवायः..