उत्तराखंड हैंडबॉल एसोसिएशन ने पहाड़ी में छिपी प्रतिभाआें को सामने लाने की जद्दोजहद शुरू कर दी है। एसोसिएशन ने चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़ सहित अन्य स्थानों पर सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ रही हैंडबॉल खेल को एक बार फिर से जिंदा किया है। संघ ने पहाड़ी क्षेत्र के करीब 500 खिलाड़ियों को हैंडबॉल के लिए तैयार कर दिखाया है।
उत्तराखंड का एक तिहाई से अधिक हिस्सा पहाड़ क्षेत्र में है। ऐसे में कोई भी खेल प्रतियोगिता चाहे राज्य स्तरीय हो या राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हो सभी मैदानी क्षेत्र में कराए जाते हैं। यहां तक की ट्रायल और खेल शिविर भी ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार या देहरादून में आयोजित किया जाता है। ऐसे में कई खेल ऐसे भी हैं जिनके लिए खिलाड़ियों की तलाश है।
उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव एवं उत्तराखंड हैंडबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. डीके सिंह पहाड़ पर निवास करने वाले खिलाड़ियाें को सही मंच देने के उद्देश्य से एसोसिएशन ने तैयारी की। ताकि पहाड़ से भी प्रतिभा मैदान में दिखे। इसके लिए संघ ने रणनिती बनाई और हैंडबॉल का ट्रॉयल से लेकर स्टेट चैंपियनशिप तक पहाड़ पर कराया।
ट्रायल के दौरान बहुत से ऐसे खिलाड़ी मिले जिन्हें खेलना तो बेहतर आता था लेकिन सुविधाओं के अभाव में उनकी प्रतिभा दम तोड़ रही थी। जबकि कुछ ऐसे में खिलाड़ी ट्रॉयल में पहुंचे जिनके अंदर हैंडबॉल खेलने का जुनून तो था लेकिन सुविधाओं से मात खा रहे थे। संघ ने दोनों प्रकार के खिलाड़ियों को मंच दिया। पू री तैयारी कराई और इन्हीं खिलाड़ियों को तैयार करने में जुटा है। पहाड़ी क्षेत्र में अब तक चमोली, कोटद्वार, चंपावत, बागेश्वर, अल्मोड़ा सहित अन्य स्थानों पर ट्रायल हो चुके हैं। कोरोना से राहत मिलने के बाद अभ्यास और प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी।
कम्यूनिकेशन गैप के चलते नहीं कर पा रहे थे प्रतिभाग
पहाड़ के कई खिलाड़ियाें ने संघ के पदाधिकारियों से शिकायत की थी यह कि उन तक हाेने वाली प्रतियाेगिताओं की सूचना ही नहीं मिल पाती थी। जिसकी वजह से वो हमेशा खेल से वंचित हो जाते थे।
बनाया वाट्सअप ग्रुप रुद्रपुर
पहाड़ के खिलाड़ियों तक बराबर सूचनाओं का अादान प्रदान हो इसके लिए हैंडबॉल संघ ने व्हाट्सअप ग्रुप बनाया है। जिसमें सभी हैंडबॉल खिलाड़ियों को जोड़ने की कवायद छेड़ रखी है। इसमें पहाड़ के हों चाहे मैदानी क्षेत्र के सभी को सूचनाएं एक बार में ही मिल जाती हैं। इससे उन्हें सहूलियत मिली है।
पहाड़ प्रतिभाओं को मौके की जरूरत
उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव एवं अध्यक्ष हैंडबाल एसोसिएशन डॉ. डीके सिंह ने बताया कि पहाड़ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, बस उन्हें मौका चाहिए। हर खेल अधिकतर मैदानी क्षेत्र में कराए जाते हैं। ट्रायल भी यहीं कराया जाता है। ऐसे में पहाड़ पर बहुत से ऐसे खिलाड़ी हैं वो हमसे छूट जाते हैं। इसलिए खेल का रूख पहाड़ की ओर करना जरूरी है ताकि वहां की प्रतिभा को भी सही मंच और दिशा मिल सके।