डबरा विधानसभा सीट से हारीं बीजेपी की प्रत्याशी इमरती देवी : मध्य प्रदेश उपचुनाव
मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री और बीजेपी उम्मीदवार इमरती देवी, अपने ही रिश्तेदार सुरेश राजे से उप चुनाव हार गई हैं. इमरती देवी डबरा विधानसभा सीट से उप चुनाव लड़ रही थी और यह मध्य प्रदेश के सबसे चर्चित सीट रही. इमरती को हराने वाले उनके ही समधी कांग्रेस के सुरेश राजे हैं.
बीजेपी की प्रत्याशी इमरती देवी सुर्खियों में रहीं थीं. वजह है पूर्व सीएम कमलनाथ द्वारा दिया गया बयान. दरअसल कमलनाथ मध्य प्रदेश (एमपी) के डबरा में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने मंच से कहा कि सुरेश राजे हमारे उम्मीदवार हैं, सरल स्वभाव के सीधे साधे हैं. यह उसके जैसे नहीं है, क्या है उसका नाम? मैं क्या उसका नाम लूं आप तो उसको मुझसे ज्यादा अच्छे से जानते हैं, आपको तो मुझे पहले ही सावधान कर देना चाहिए था यह क्या आइटम है
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि जनता 3 नवंबर को इमरती देवी को जलेबी बना देगी.
इन नेताओं के बयान के बाद से मध्य प्रदेश में सियासी भूचाल आ गया था. इमरती देवी के सम्मान में राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में 2 घंटे का मौन धरना दिया तो वहीं पार्टी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंदौर में इस धरने का नेतृत्व किया.
इमरती देवी, उन पूर्व विधायकों में से एक नेता हैं जिन्होंने कुछ महीने पहले कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया था. इमरती देवी को ज्योतिरादित्य सिंधिया का कट्टर समर्थक माना जाता है. ये वही इमरती देवी हैं, जिन्होंने इसी साल मार्च महीने में ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति अपनी वफादारी को जाहिर करते हुए कहा था कि ‘सिंधिया कुएं में गिरे तो हम भी साथ गिरेंगे
26 जनवरी 2019 को गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान इमरती देवी बतौर मंत्री अपना भाषण नहीं पढ़ पाने को लेकर भी काफी चर्चा में रही थीं. हालांकि बाद में उन्होंने पास खड़े जिला कलेक्टर को बुलाया और उनसे अपना भाषण पढ़वाया. हालांकि, सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बाद मंत्री ने सफाई दी है. मंत्री ने कहा- ‘बीते दो दिनों से बीमार थी, आप डॉक्टर से पूछ सकते हैं. लेकिन ये ठीक है. कलेक्टर ने अच्छे से (भाषण) पढ़ा.’
इमरती देवी ने 25 दिसम्बर, 2018 को कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी. इसके बाद उन्होंने 2 जुलाई 2020 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कैबिनेट में भी मंत्री पद की शपथ ली.