Main Slideदेशबड़ी खबरमध्य प्रदेश

चोरों या लुटेरों की सहायता करना किस धारा के अंतर्गत अपराध है :-

अगर आप किसी चोर या लुटेरों को जानते हैं या आपका ऐसा व्यक्ति मित्र हैं जो चोरी का काम करता है, और आप उसको जानते हैं। ओर जानबूझकर उसका साथ देगे या उसके चोरी के समान को अपने पास छिपा कर भी रखते हैं तो आप भी एक गंभीर अपराध करते हैं। अगर पुलिस को यह पता चलता है कि कोई चोर जिसे आप जानते हैं कि वह चोरी या लूट करके आकर आपके घर पर ठहरा हुआ है तो आपको भी पुलिस गिरफ्तार कर सकती है जानिए किस धारा के अंतर्गत यह अपराध कायम होगा।

भारतीय कानून की धाराएं - Home | Facebook

अगर आप किसी चोर या लुटेरों को जानते हैं या आपका ऐसा व्यक्ति मित्र हैं जो चोरी का काम करता है, और आप उसको जानते हैं। ओर जानबूझकर उसका साथ देगे या उसके चोरी के समान को अपने पास छिपा कर भी रखते हैं तो आप भी एक गंभीर अपराध करते हैं। अगर पुलिस को यह पता चलता है कि कोई चोर जिसे आप जानते हैं कि वह चोरी या लूट करके आकर आपके घर पर ठहरा हुआ है तो आपको भी पुलिस गिरफ्तार कर सकती है जानिए किस धारा के अंतर्गत यह अपराध कायम होगा। अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी चोर या लुटेरों का साथ देगा, छिपाकर रखेगा, या चोरी की संपत्ति को छिपा देगा। तब चोर या लुटेरों का साथ देने वाला व्यक्ति धारा 414 के अंतर्गत दोषी होगा।

इस धारा का अपराध समझौता योग्य होता है उस व्यक्ति से जिसकी संपत्ति चुराई गई हो। यह अपराध संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होते हैं। इनकी सुनवाई कोई भी मजिस्ट्रेट कर सकता है। सजा- तीन वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

एक टैक्सी ड्राइवर कुछ यात्रियों को लेकर टेक्सी में जा रहा था। रास्ते में किसी अज्ञात कारणवश जब टेक्सी एक जगह रुकी तो उसमें से दो यात्री उतरे और उन्होंने वहां से तीन चार गज दूर खड़े एक व्यक्ति को लूट कर। वे दोनों टेक्सी में वापस आकर बैठ गए तथा ड्राइवर ने लुटे गए व्यक्ति की चीख पुकार की अनदेखी करते हुए टेक्सी को तेज गति से आगे बढ़ा दी। न्यायालय ने लुटेरों की लूट में सहायता करने के अपराध में ड्राइवर को धारा 414 के अन्तर्गत दोषी ठहराया।

Related Articles

Back to top button