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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अरविंद सेन की अग्रिम ज़मानत पर नहीं मिली मंजूरी

पशुधन विभाग के फर्जी टेंडर मामले में निलंबित डीआईजी अरविंद सेन को फ़िलहाल हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है. हाईकोर्ट में बुधवार को अरविंद सेन की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई, पर हाईकोर्ट ने आज अग्रिम ज़मानत मंजूर नहीं की. यही नहीं हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर भी रोक नहीं लगाई है. मामले में हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब मांगा है. अब इस केस में दिवाली बाद 26 नवंबर को अगली सुनवाई होगी.

बता दें इससे डीआईजी अरविंद सेन की अग्रिम जमानत याचिका एंटी करप्शन कोर्ट ने खारिज की. अरविंद सेन पर फर्ज़ी टेंडर घोटाले के आरोपी आशीष राय से 35 लाख रुपये लेने का आरोप है. फर्ज़ी कागजातों से धोखाधड़ी कर पशुधन विभाग में आटा, दाल, गेहूं, शक्कर की सप्लाई के नाम पर इंदौर के कारोबारी से करोड़ों हड़पने और भ्रष्टाचार के आरोपियों को बचाने के लिए 35 लाख रुपये लेने में सीबीसीआईडी के तत्कालीन एसपी और वर्तमान डीआईजी अरविंद सेन आरोपी हैं. मामले के वादी मंजीत सिंह को दबाव में लेने के लिए अरविंद सेन पर आरोपी आशीष राय से 35 लाख रुपये लेने का आरोप है.

इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने आईपीएस अफसर दिनेश चंद दुबे और अरविंद सेन को सस्पेंड कर दिया है. एसटीएफ की जांच में दोनों आईपीएस अफसर के घोटाले के मास्टरमाइंड आशीष राय से सीधे जुड़े होने के प्रमाण मिले है. वहीं पशुधन विभाग में हुए फर्जीवाड़े की FIR हजरतगंज कोतवाली में दर्ज कराई गई थी.

एसटीएफ से मिली जानकारी के मुताबिक आजमगढ़ में तैनाती के दौरान दोनों ही अफसरों की आशीष राय से सांठगांठ हुई थी. वहीं 8 ठेकों को दिलाने में डीसी दुबे अहम भूमिका जांच में सामने आई हैं. जबकि आईपीएस अरविंद सेन पर पीड़ित व्यापारी को सीबीसीआईडी मुख्यालय में बुलाकर धमकाने का आरोप है. सेन वर्तमान में डीआईजी पीएसी के पद पर आगरा में तैनात थे.

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