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अत्यंत कम तापमान पर ही रखा जा सकता है फाइजर का कोविड-19 टीका, India सहित विकासशील देशों के समक्ष नयी चुनौती :-

एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बुधवार को बताया कि दवा कंपनी फाइजर द्बारा विकसित संभावित कोविड-19 टीके के भंडारण के लिए शून्य से 7० डिग्री सेल्सियस कम तापमान की आवश्यकता है और यह भारत जैसे विकासशील देशों, खास तौर से कस्बों और ग्रामीण इलाकों में टीके की आपूर्ति के लिए बड़ी चुनौती है।

अत्यंत कम तापमान पर ही रखा जा सकता है पी-फाइजर का कोविड-19 टीका, भारत सहित  विकासशील देशों के समक्ष नयी चुनौती

गुलेरिया का कहना है कि भारत में ज्यादार टीकों को दो से आठ डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखा जाता है। देश के ज्यादातर हिस्सों में कोल्ड चेन में सबसे कम शून्य से 25 डिग्री सेल्सियस नीचे तक के तापमान में टीके रखे जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि देश के कस्बों, गांवों और सुदूर क्षेत्रों में इतने कम तापमान वाली कोल्ड स्टोरेज चेन नहीं हैं, ऐसे में टीके को वहां तक पहुंचाना बड़ी चुनौती होगा। गुलेरिया ने हालांकि यह भी कहा कि टीके के तीसरे चरण के परीक्षण के बाद फाइजर इंक और बायोएनटेक एसई द्बारा घोषित पहले चरण के परिणाम में यह टीका कोरोना वायरस संक्रमण से 9० प्रतिशत तक बचाव करने में सक्षम है और यह उत्साहित करने वाली सूचना है।

गुलेरिया ने कहा, ”फाइजर द्बारा विकसित कोरोना वायरस रोधी टीके के भंडारण के लिए अत्यंत कम तापमान, शून्य से 7० डिग्री सेल्सियस नीचे की जरूरत है और यह भारत जैसे विकासशील देशों में टीके की आपूर्ति के लिए बड़ी चुनौती है।’’ उन्होंने कहा, ”टीके का इतने कम तापमान पर भंडारण और छोटे शहरों तथा कस्बों में इस कोल्ड चेन को बनाए रखना बहुत मुश्किल काम होने वाला है।’’

गुलेरिया ने इस बात पर जोर दिया कि टीका विकसित कर रही कंपनियों द्बारा जारी डेटा का अध्ययन करने की जरूरत है और यह देखने की आवश्यकता है कि उससे विकसित रोग प्रतिरोधक क्षमता कितने समय तक प्रभावी रहेगी।

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