कांग्रेस के खराब प्रदर्शन से महागठबंधन की लुटिया डूबी, सिर्फ 27 प्रतिशत प्रत्याशी ही जीते :-
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में कांग्रेस ने महागठबंधन की लुटिया डूबो दी। उम्मीदवारों के चयन में गड़बड़ी कहें या भितरघात, लेकिन पार्टी मात्र 27 प्रतिशत उम्मीदवारों को ही जीता पाई। महागठबंधन के दूसरे सभी घटक दलों ने आधे से अधिक सीटें जीत ली हैं। अगर कांग्रेस अपनी पुरानी सीटिंग सीटें भी जीत लेती तो सीन कुछ अलग होता। वोट प्रतिशत भले पार्टी की पिछले चुनाव से कुछ बढ़ गया हो लेकिन पार्टी सीटें नहीं निकाल पाई। ले देकर टीम राहुल को भी पार्टी ने कठघरे में खड़ा कर दिया।
ज्यादा सीट लेकर भी पिछले चुनाव के बराबर नहीं जीती
कांग्रेस पार्टी को महागठबंधन में इस बार 70 सीटें मिली थी। कई बार सीटों के लिए वरीय नेताओं ने दबाव भी बनाया। तब कांग्रेस का कहना था कि आरजेडी पिछले चुनाव से डेढ़ गुना अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगा तो कांग्रेस को भी इससे कम मंजूरी नहीं है। पिछले चुनाव में जेडीयू के साथ गठबंधन था और कांग्रेस 41 सीटों पर लड़ी थी और आरजेडी 100 सीटों पर। तब राजद ने 81 सीटें और कांग्रेस ने 27 सीटें जीती थीं। हालांकि उस समय भी सबसे कम स्ट्राइ रेट कांग्रेस का ही था। कई बार के जद्दोजहद के बाद आरजेडी के खाते में 144 और कांग्रेस के खाते में 70 सीटें गई। वाम दलों ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा। लेकिन कांग्रेस वह 27 सीट भी नहीं बचा पाई जो पिछले चुनाव में वो जीती थी। दूसरे सभी दलों ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया।
वोट प्रतिशत में इजाफा
वोट प्रतिशत के हिसाब से कांग्रेस को इस बार लाभ हुआ। उसका वोट प्रतिशत इस बार 9.48 प्रतिशत रहा जो पिछले कई चुनावों से अधिक है। 2015 के चुनाव में उसका वोट प्रतिशत 6.66 प्रतिशत ही था। इसके पहले 2010 के चुनाव में कांग्रेस को 8.3 प्रतिशत वोट मिले थे तब उसके मात्र चार उम्मीदवार ही जीत पाए थे। उस साल कांग्रेस सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। 2005 के अक्टूबर चुनाव में भी इसका वोट प्रतिशत 6.09 था और 51 सीटों पर लड़कर नौ सीटें जीती थीं।