महाराष्ट्र में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश देने से उच्च न्यायालय का इनकार :-
इस बार दिवाली के त्योहार में कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश देने की विनती पुणे के अनिरुद्ध देशपांडे ने त्वरित जनहित याचिका द्वारा की थी। लेकिन पटाखों के प्रदूषण के संबंध में NGT ने 9 नवंबर को दिये गये आदेश का सख्ती से पालन किये जाने की गारंटी राज्य सरकार द्वारा दिये जाने के कारण बाम्बे उच्च न्यायालय ने पूरे राज्य में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश देने से इनकार कर दिया।
पटाखों के कारण होने वाले प्रदूषण के कारण नागरिकों की प्रतिकार शक्ति कम होकर कोरोना का प्रभाव बढ़ सकता है इस डर को ध्यान में रखते हुए एनजीटी ने देश में जिन शहरों में पिछले साल हवा की गुणवत्ता खराब हो गई थी उन शहरों में पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश 9 नवंबर को जारी किया था। महाराष्ट्र टाइम्स के अनुसार इसी को आधार बनाकर अनिरुद्ध देशपांडे ने 10 से 20 नवंबर तक राज्य में पूरी तरह पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की विनती की थी।
राज्य के मुख्य सचिव ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को इस बारे में एनटीजी के दिशानिर्देश मानने के निर्देश दिये हैं। उसके अनुसार राज्य सरकार एवं सभी जिला प्रशासन एवं जिला पुलिस प्रमुख को बताया गया है। ये जानकारी मुख्य सरकारी वकील पी पी काकडे ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ के सामने प्रस्तुत की। इसके बाद राज्य सरकार द्वारा आवश्यक कार्रवाई किये जाने के बाद इस मामले में कुछ और निर्देश दिये जाने की आवश्यकता नहीं ऐसा मानते हुए खंडपीठ ने याचिका पर आदेश देने से इनकार कर दिया।