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बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष को अलीपुरद्वार में दिखाये गए काले झंडे, काफिले पर पथराव :-

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले के जयगांव क्षेत्र में बृहस्पतिवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के काफिले पर पत्थर फेंके गए और काले झंडे दिखाए गए, जहां वह पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने गए थे। यह जानकारी पुलिस ने दी। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के कई कार्यकर्ताओं को घोष के खिलाफ नारे लगाते हुए देखा गया, जो उन्हें वहां से चले जाने को कह रहे थे। भाजपा के सूत्रों ने कहा कि हमले में घोष का वाहन आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। पुलिस अधिकारियों के एक दल ने प्रदर्शनकारियों और भाजपा समर्थकों को तितर-बितर करने के बाद स्थिति को नियंत्रित किया। घोष ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस और उनके सहयोगी हताश हो रहे हैं, क्योंकि वे आगामी विधानसभा चुनावों में हार महसूस कर सकते हैं। हालांकि, इस तरह की रणनीति काम नहीं करेगी। लोग हमारे साथ हैं।’’ उन्होंने यह भी दावा किया कि इस घटना से पता चलता है कि बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। उन्होंने कहा, ‘‘चाय पे चर्चा सत्र के बाद हम एक अन्य कार्यक्रम के लिए जा रहे थे, तभी हमारे काफिले पर पथराव किया गया। काले झंडे दिखाए गए।

Bengal BJP chief Dilip Ghosh convoy pelted with stones in Purba Barddhaman  district | पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष के काफिले पर पथराव, TMC  पर मढ़ा आरोप - India TV

सत्तारूढ़ दल और उसके सहयोगियों द्वारा ऐसे हमले साबित करते हैं कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त हो गई है। एक लोकतंत्र में ऐसी चीजें नहीं हो सकती।’’ जिला तृणमूल कांग्रेस प्रमुख सौरव चक्रवर्ती ने हालांकि कहा कि घोष उत्तर बंगाल में गड़बड़ी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं और उनकी पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता इस घटना में शामिल नहीं था। घोष के साथ उत्तर बंगाल में हुई घटना का विरोध करते हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने दिन में बाद में राज्य के कई हिस्सों में रैलियां निकाली। कार्यकर्ताओं ने घोष के काफिले पर हमले के खिलाफ यहां प्रदेश पार्टी कार्यालय मुख्यालय के पास सेंट्रल एवेन्यू सड़क बाधित कर दी। राज्य भाजयुमो अध्यक्ष सौमित्र खान के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने 90 मिनट की नाकेबंदी के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला भी फूंका। खान ने कहा, ‘‘हमने एक तीव्र आंदोलन शुरू नहीं किया क्योंकि त्योहारी मौसम चल रहा है। हालांकि, अगर हमारी पार्टी के लोगों पर इस तरह के हमले जारी रहे और कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हम फिर से सड़कों पर उतरेंगे।’’ इस तरह के आंदोलन सल्किया, हावड़ा के बेलूर, दक्षिण दिनाजपुर के बेलुरघाट, बीरभूम के सूरी और राज्य के अन्य हिस्सों में भी देखे गए। घोष के काफिले पर हमले की निंदा करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय ने कहा कि राज्य के लोग तृणमूल कांग्रेस के ‘अत्याचार’ का ‘करारा जवाब’ देंगे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैं उपद्रवियों द्वारा अलीपुरद्वार में पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष पर हमले की कड़ी निंदा करता हूं। राज्य के लोग अराजक राज्य सरकार को करारा जवाब देंगे। तृणमूल कांग्रेस के इस अत्याचारी शासन को खत्म करने के लिए पश्चिम बंगाल भाजपा अंत तक संघर्ष करेगी।’’ पश्चिम बंगाल के नगरपालिका मामलों और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने आरोपों को खारिज करते हुए संवाददाताओं से कहा कि ‘‘तृणमूल कांग्रेस इस तरह के हमले करने में विश्वास नहीं करती है। हम लोकतांत्रिक आंदोलनों में विश्वास करते हैं।’’ बिमल गुरुंग के नेतृत्व वाले जीजेएम ने हाल ही में तृणमूल कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया है जबकि गोरखा संगठन का बिनय तमांग गुट हमेशा से सत्ताधारी पार्टी का सहयोगी रहा है।

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