प्रदेशबिहार

उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध कार्यों को मिलेगा बढ़ावा, यूजीसी ने कुलपतियों को भेजे निर्देश

नये साल में बिहार के उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध कार्यों को बढ़ावा देने पर काम तेजी से शुरू हो गया है। यूजीसी ने बिहार के कुलपतियों को निर्देश दिया है कि वैश्विक शोध का महत्व को समझते हुए इस पर तेजी से कार्य करने और शोधार्थियों को बढ़ावा देने की जरूरत है। इससे विश्वस्तरीय बनने की राह में शोध कार्यों में पिछड़े होने की बाधा दूर करने में मदद मिलेगी। इसके लिए यह जरूरी है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए मुहिम चलायी जाए।

दिसंबर तक देनी है रिपोर्ट

यूजीसी ने पत्र के जरिये राजभवन से भी कहा है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल का जो खाका तैयार किया गया है, उनमें शोध को बढ़ावा देने के विषय को प्रमुखता से शामिल किया गया है। यूजीसी ने विश्वविद्यालय स्तर पर शोध को बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञों की टीम भी गठित करने का सुझाव दिया है। इसके बारे में दिसंबर में रिपोर्ट मांगी गई है। टीम में शोध और इनवोशन के क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों को रखा गया है।

नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के गठन की तैयारी शुरू

राजभवन के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि यूजीसी ने शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए जो योजना बनाई है, उनमें प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों को अब शोध कार्यों से जोडऩा अनिवार्य कर दिया है। यही वजह है कि इन गतिविधियों तेज करने के साथ शोध के पूरे ताने-बाने की एकीकृत करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रस्तावित नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के गठन की तैयारी शुरू कर दी है। जो अब देश में होने वाले सभी शोध कार्यों पर नजर रखेगा और फाउंडेशन के दिशा-निर्देश का अनुपालन करना कुलपतियों के लिए जरूरी होगा।  साथ ही जिन संस्थानों के पास शोध का अपना खुद की विजन या विषय नहीं होगा, उन्हें ऐसे कार्यों से जोड़ा जाएगा। शोध कार्यों के लिए राशि अलग से देने का प्रावधान विवि बजट में करना जरूरी होगा।

Related Articles

Back to top button