योगी कैबिनेट का जल्द ही होगा विस्तार, मिल सकता है नवनिर्वाचित विधायकों को अवसर
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ कैबिनेट के दो मंत्रियों के निधन के बाद खाली जगह को जल्दी ही भरा जाएगा। इसके संकेत भी मिलने लगे हैं। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल में दो से तीन नये चेहरों को मौका मिल सकता है, इनमें से एक चेहरा नवनिर्वाचित विधायकों में से भी एक हो सकता है।
योगी आदित्यनाथ सरकार में वर्तमान समय में मुख्यमंत्री को लेकर कुल 54 मंत्री हैं। इनमें 23 कैबिनेट, नौ स्वतंत्र प्रभार तथा 22 राज्यमंत्री हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ जल्दी ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। स्वतंत्र प्रभार वाले राजय मंत्रियों को प्रोन्नत करने के साथ ही चार-पांच नये मंत्रियों को शपथ भी दिलाने के संकेत मिल रहे हैं। दो कैबिनेट मंत्रियों चेतन चौहान तथा कमल रानी वरुण के निधन के बाद से जगह खाली ही है। माना जा रहा है कि शिक्षक क्षेत्र के विधान परिषद सदस्य पद के लिए हो रहे चुनाव के निपट जाने के बाद योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल का आकार भी बढ़ेगा। इसको लेकर मंथन शुरू हो गया है।
प्रदेश में 2022 में विधानसभा के चुनाव की तैयारी के क्रम में भी अब प्रदेश की भाजपा सरकार का यह अंतिम मंत्रिपरिषद का विस्तार होगा। इसमें न केवल जातीय समीकरणों के हिसाब से समायोजन होगा, बल्कि क्षेत्रीय असंतुलन दूर करने की कोशिश होगी। जिसमें से कुछ पुराने चेहरों को बाहर भी किया जा सकता है।
उप चुनाव में अमरोहा के नौगावां सादात क्षेत्र से प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे चेतन चौहन की पत्नी संगीता चौहान जीत गईं। बुलंदशहर में दिवंगत विधायक वीरेंद्र सिंह सिरोही की पत्नी ऊषा सिरोही भी उपचुनाव जीत गईं। इन दोनों में से किसी एक मंत्री बनाया जा सकता है। कमल रानी वरुण के निधन के बाद मंत्रिमंडल में महिलाओं की तादाद अपेक्षाकृत कम हो गई है। अब इस संख्या को तीन से बढ़ा कर चार किया जा सकता है।
सात सीटों पर हुए उप चुनाव में इनके अलावा उन्नाव के बांगरमऊ से श्रीकांत कटियार, कानपुर के घाटमपुर से उपेंद्रनाथ पासवान, देवरिया के देवरिया सदर से डॉ. सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी तथा फिरोजाबाद के टूंडला से प्रेमपाल धनगर ने जीत दर्ज की है। सातवीं सीट जौनपुर की मल्हनी पर समाजवादी पार्टी ने कब्जा बरकरार रखा। यहां भाजपा के मनोज सिंह चौथे स्थान पर रहे।
सीएम योगी आदित्यनाथ तय करेेंगे टीम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने कुछ मंत्रियों के कामकाज से नाखुश हैं उनकी छुट्टी कर उन्हेंं संगठन में भेजा जा सकता है। इसके साथ ही काफी उम्रदराज मंत्रियों को दूसरी जिम्मेदारी मिल सकती है। युवा विधायकों को मौका मिल सकता है ताकि 2022 के विधानसभा चुनाव में वोटरों को जोड़ा सके। इससे पहले भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल, सिंचाई मंत्री धर्मपाल, बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जयसवाल तथा आबकारी राज्यमंत्री अर्चना पाण्डेय को हटा दिया था। अगस्त 2019 में 19 को मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल विस्तार किया था। इसमें 18 नये मंत्री शामिल थे जबकि पांच मंत्रियों को प्रोन्नत किया गया था।