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महाराष्ट्र सरकार ने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सभी धार्मिक स्थलो को दिया खोलने का निर्देश

महाराष्ट्र में आज से सभी धार्मिक स्थल दोबारा खुल जाएंगे. राज्य सरकार ने इस बात का एलान किया है. इस दौरान मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा. इसके इलावा लोगों को कोविड-19 से जुड़े नियमों का पालन करना होगा.

गौरतलब है कि मंदिर खोले जाने के मुद्दे पर विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया था. इसे लेकर राज्यपाल ने सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था. राज्यपाल ने उद्धव को लिखे अपने पत्र में शिवसेना पर हिंदुत्व को लेकर तंज किया था. राज्यपाल के इस पत्र के बाद इस मसले ने सियासी रंग ले लिया था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर राज्यपाल के पत्र की भाषा पर ऐतराज जताया है.

राज्य सरकार की ओर से जारी मानक संचालन प्रक्रिया के तहत, निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर स्थित धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत दी जाएगी और इन स्थलों को खोलने के समय के बारे में अधिकारी निर्णय करेंगे.

दीपावली की लोगों को शुभकामनाएं देते हुए सीएम ठाकरे ने एक बयान में कहा था हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना वायरस रूपी दैत्य आज भी हमारे बीच है. यद्यपि यह दानव अब धीरे-धीरे खामोश हो रहा है, लेकिन हम ढिलाई नहीं बरत सकते. लोगों को अनुशासन का पालन करने की जरूरत है.

सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स के अनुसार, श्रद्धालुओं को मंदिरों में मास्क पहनकर ही जाने की अनुमति दी जाएगी. इसके साथ ही सभी को सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा. इसके अलावा, मंदिरों में जाने वाले श्रद्धालुओं के बीच की दूरी कम-से-कम छह फीट होनी चाहिए.

65 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं, दस साल से कम उम्र के बच्चे और वैसे व्यक्ति जिनको कोई अन्य बीमारी हो, उन्हें घर पर ही रहने को कहा गया है. इसके साथ ही सैनिटाइज़र का भी इस्तेमाल करना अनिवार्य है. अगर सैनिटाइज़र ना हो तो साबुन या हैंडवॉश से भी हाथ धोने को कहा गया है.

सूत्रों से मिली जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने धार्मिक स्थलों के लिए आवश्यक गाइडलाइन्स जारी किए हैं. इसके तहत गेट पर हैंड सैनिटाइजर और स्क्रीनिंग की व्यवस्था, किसी भी व्यक्ति को मंदिर परिसर में बिना मास्क पहने घुसने नहीं दिया जाना, लोगों को मास्क पहनकर रहने और समय-समय पर हाथ धोते रहने के लिए जागरूक करना, श्रद्धालुओं के मंदिर परिसर में आने से पहले अपने जूते-चप्पलों को बाहर छोड़कर आने जैसे गाइडलाइन्स शामिल हैं. गाइडलाइन्स का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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