महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल खुलने से दर्शन के लिए उमरी श्रद्धालुओं की भीड़
महाराष्ट्र में 16 नवंबर यानी आज से सभी धार्मिक स्थल खुलने जा रहे हैं. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार ने मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, दरगाह सबको खोलने की इजाजत दे दी है. लेकिन आस्था के लिए धार्मिक स्थलों में जाने से पहले कोविड के नियमों का पालन करना होगा. मास्क पहनना भी जरूरी होगा, और सोशल डिस्टेंसिंग भी.
महाराष्ट्र में कोरोना संकट के चलते 18 मार्च से मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, गिरिजाघर सभी धार्मिक स्थल बंद कर दिए गए थे. लेकिन मंदिरों को खोलने के लिए बीजेपी ने जैसे एक अंदोलन सा छेड़ दिया. अनशन हुआ, और तो और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने उद्धव सरकार को इसके लिए चिट्ठी तक लिख दी, और बात हिंदुत्व तक पहुंच गई थी. फिलहाल जब सोमवार को मंदिर खुले तो श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे.
महाराष्ट्र में ये उस आंदोलन का शोर था, जहां भक्ति से लेकर सियासी शक्ति तक की गूंज थीं. मंदिरों से लेकर तमाम धार्मिक स्थलों पर ताले पड़े थे मुंबई से लेकर महाराष्ट्र के तमाम शहरों तक में संत समाज मंदिर खोलने की मांग पर अड़ गया. उधर सियासत भी भक्ति में भाव विभोर हो रही थी. राजभवन से लेकर सीएम निवास तक के बीच चिट्ठी पतरी की शक्ल में धर्म और धर्मनिरपेक्षता पर लिखा पढ़ी होने लगी.
Maharashtra: Devotees visit Mumbai's Siddhivinayak Temple as religious places reopen in the State today.
A devotee says, "I feel fortunate that I visited the temple in the new year, after Diwali. I'm very happy. All COVID-19 precautionary measures are being taken here." pic.twitter.com/L9Gvg15nSs
— ANI (@ANI) November 16, 2020
एक तरफ साधु संत और बीजेपी मंदिर खोलने की मांग के साथ मोर्चे पर अड़े थे तो कोरोना के मामलों को लेकर सरकार अपने फैसले पर डटी थी. सीएम और राज्यपाल में खतोकिताबत के शब्द सियासी मर्यादा से बाहर जा रहे थे अब सोमवार को जब सारे धार्मिक स्थल फिर गुलजार होंगे तब शायद सबसे बड़ी दुआ या प्रार्थना यही होगी- इस कोरोना को भगाओ- हमारी जान बचाओ.
मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर के अंदर हर दिन केवल 1,000 भक्तों को जाने की अनुमति होगी. श्रद्धालुओं को अपने विवरण भरने और मंदिर ऐप के माध्यम से ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक करने की जरूरत होगी. इसके बाद टाइम स्लॉट के साथ एक क्यूआर कोड जेनरेट होगा. 1,000 श्रद्धालुओं के लिए क्यूआर कोड जनरेट किए जाएंगे. वरिष्ठ नागरिकों दर्शन से बचने और ऐप पर वर्चुअल दर्शन करने को कहा गया है.