स्टैच्यू ऑफ पीस का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया लोकार्पण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को जैन भिक्षु आचार्य विजय वल्लभ सूरीश्वर जी महाराज की 151वीं जयंती समारोह के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पाली जिले में ‘शांति की प्रतिमा का अनावरण किया. 151 इंच ऊंची अष्टधातु प्रतिमा विजय वल्लभ साधना केंद्र, जैतपुरा में स्थापित की गई है.
पीएम मोदी ने कहा- ‘स्टैच्यू ऑफ पीस विश्व में शांति, अहिंसा और सेवा का प्रेरणा स्रोत बनेगी.’ पीएम ने कहा कि भारत ने हमेशा पूरे विश्व को, मानवता को, शांति, अहिंसा और बंधुत्व का मार्ग दिखाया है. ये वो संदेश हैं जिनकी प्रेरणा विश्व को भारत से मिलती है. इसी मार्गदर्शन के लिए दुनिया आज एक बार फिर भारत की ओर देख रही है.
Prime Minister Narendra Modi unveils the ‘Statue of Peace’ in Pali, Rajasthan to mark the 151st Jayanti celebrations of Jainacharya Shree Vijay Vallabh Surishwer Ji Maharaj, via video link. pic.twitter.com/oKyJyiMvl7
— ANI (@ANI) November 16, 2020
151 इंच की अष्ट धातु से बनी मूर्ति जमीन से 27 फिट ऊंची है. इसका वजन 1300 किलो है. इस मूर्ति का नाम ‘स्टेच्यू ऑफ पीस’ है. सोमवार को 12:30 बजे पीएम मोदी इसका लोकार्पण करने वाले हैं. इस दौरान गुरुदेव के बहुत सारे चमत्कारों का एक प्रेजेंटेशन भी दिखाया जाएगा.वल्लभ सूरीश्वरजी का जन्म गुजरात के बड़ोदा में विक्रम संवत 1870 में हुआ था.
आजादी के समय खादी स्वदेशी आंदोलन में भी उनका बड़ा सहयोग रहा. आचार्यश्री खुद खादी पहनते थे. 1947 में देश विभाजन के समय आचार्यजी का पाकिस्तान के गुजरावाला में चातुर्मास था, उस समय सभी को हिंदुस्तान के लिए निकाला जा रहा था, तब जैनाचार्य ने कहा था कि जब तक एक भी जैन साहित्य, जैन मूर्ति, जैन लोग असुरक्षित हैं तब तक वो नहीं जाएंगे.
ब्रिटिश सरकार ने उनको भारत लाने के लिए विशेष विमान भेजा था. लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. आखिर सितंबर 1947 को पैदल विहार करते हुए अपने 250 अनुयायियों के साथ वह हिंदुस्तान पहुंचे. उन्होंने ने अपने साथ आए अनुयायियों के पुनर्वास सुनिश्चजित किया. साथ ही समाज के लिए शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत काम किया.