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दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के द्वारा छठ पूजा पर रोक लगाए जाने के विरोध में जंतर मंतर पर प्रदर्शन :-

छठ पूजा के सार्वजनिक आयोजन पर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के द्वारा रोक लगाए जाने के विरोध में जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन अपना पुर्वाचल परिवार” के राष्ट्रीय महा संगठन मंत्री – “कैलाश चन्द मिश्रा” ने कहा कि हम पूर्वांचलियों के लिए छठ पूजा बहुत ही आस्था व विश्वास का पूजा है। जिसके लिए हम सभी पूर्वांचली “छठ पूजा संघर्ष समिति” की बैनर तले आज जंतर मंतर पर इसका विरोध दर्ज कराने के लिए एकत्रित हुए हैं।

Delhi: Kejriwal joins anti-farm laws protest at Jantar Mantar, demands  rollback; AAP MP, workers detained | Delhi News - Times of India
छठ पूजा संघर्ष समिति के वैनर तले “कैलाश चन्द मिश्रा” ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार बाकी आयोजन की तरह छठ पूजा के लिए भी एक गाइडलाइन जारी करे उस गाइडलाइन के तहत ही हम पुर्वाचली लोग पर्व मनाएंगे। लेकिन यह कदापि नहीं हो सकता है कि पुर्वाचली छठ पर्व नहीं मनाए। उन्होंने यह भी कहा कि “छठ पूजा संघर्ष समिति” के बैनर तले हम सभी पुर्वाचली एलजी के पास जाएंगे और अपनी मांगों को रखेंगे। अगर मांग नहीं मानी गई तो वहीं “छठ पूजा संघर्ष समिति” के सदस्य भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे।
“कैलाश चन्द मिश्रा” ने कहा कि आज दिल्ली में जहां हम पुर्वाचली हजारों छठ घाट पर पुजा करते है लोक आस्था का महापर्व छठ मनाते हैं। सरकार चाहे तो छठ पूजा में सोसल डिस्टेंसीग बनाएं रंखने के लिए घाटों कि संख्या और अधिक से अधिक बढ़ा हम पुर्वाचलियो को अपना महा पर्व मनाने में सहयोग कर सकती है। छठ पूजा छठ घाट पर बनाए जाने के तहत सरकार की जो गाइडलाइन जारी होगा। उसका पुर्वाचली पालन करते हुए छठ पूजा करेंगे।
विगत कई दिनों में जिस प्रकार सरकार ने कई एक पर्व को मनाने के लिए 30 से 40 व 50 लोगों को एक स्थान पर पर्व मनाने कि अनुमति दिया। छठ मनाने पर भी यह नियम सरकार लागू कर सकती है। सरकार अधिक से अधिक छठ घाट उपलब्ध कराए जिसमें हम पुर्वाचली सोसल डिस्टेंस का पालन करते हुए 50 के जगह और भी कम संख्या 25 से 30 लोगों के साथ पर्व मना लें। पर सरकार कि मन्स अगर हम पुर्वाचलीयो पर क्लियर हो तभी संभव होगा।
अगर सरकार ने मन ही बना लिया है कि पुर्वाचलियो पर बार – बार कुठाराघात करना है। तो सरकार को यह बता देना चाहते कि पुर्वाचली अब चूप नहीं बैठेगा पुर्वाचली एक है और समय आने पर सरकारों को उखाड़ फेंकने में संछम भी है।

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