पुण्यतिथि हिन्दू हृदय सम्राट बाला साहब ठाकरे जी सोते हिंदुओं को जगा कर आज ही चले गये थे देवलोक :-
वैसी शख्सियत शायद ही स्वतंत्र भारत मे आई रही हो. अगर किसी को बेताज , सदाबहार बादशाह देखना हो तो उसके लिए बाला साहब ठाकरे जी का नाम सबसे उपयुक्त है..स्वर्गवासी होने के बाद भी वो व्यक्तित्व आज भी लोगों के दिलों में ज्यों का त्यों जिंदा है और आगे भी रहेगा |
यकीनन तुष्टिकरण की घोर आंधी में हिंदुत्व के पहाड़ की तरह अड़ कर खड़े रहने वाले इस महान को निर्विवाद रूप से हिन्दू हृदय सम्राट की पदवी दी जा सकती है .. सुदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक श्री सुरेश चव्हाणके जी ने भी आज सबसे ज्यादा चर्चित शो बिंदास बोल का नामकरण बाला साहब की गर्जना से प्रेरणा लेते हुए किया था जो आज बाला साहब जी की पुण्यतिथि |
बाला साहब ठाकरे की एक खास बात थी कि वह कभी किसी से मिलने नही गए. जिसे मिलना है खुद घर आओ. भारत की हर बड़ी हस्ती उनसे मिलने के लिए उनके मुंबई के घर मातोश्री में जाती थी..19 जून 1966 को बाल ठाकरे ने शिवाजी पार्क में नारियल फोड़कर अपने दोस्तों के साथ पार्टी बनाई थी “शिवसेना” |
जो शिवसेना आज भी महाराष्ट्र की सत्ता में मौजूद है ..बेताज बादशाह इसलिए कहा जाता है क्योंकि उस समय भी चाँदी के सिहांसन पर बैठने के शौकीन बाल ठाकरे के दरबार में विरोधी भी हाजरी लगाते थे. बाला साहब ठाकरे का बचपन का नाम था “बाल केशव ठाकरे” जो वक्त के साथ-साथ “बाला साहेब ठाकरे” बन गया।
मुम्बई उन्ही के नाम से जानी जाने लगी थी क्योंकि उन्होंने काईयो के जीवन को बचाया था . बाल ठाकरे को हिंदू हृदय सम्राट कहा जाता था और अभी भी यही उपाधि उनके साथ जुडी है क्योंकि कोई भी उनका समर्थक आज भी हृदय से ये स्वीकार नहीं करता है कि बाला साहब अब इस दुनिया मे नही हैं. बल्कि हर कोई उन्हें अपने अंदर व साथ मे महसूस करता है |
जबकि वो आज ही के दिन अर्थात 17 नवम्बर 2012 को सदा सदा के लिए अमर हो गए थे . उनका बिना देखे भाषण देना लोगो के मन को भा गया, उन्हें सुनने के लिए लाखों की भीड़ एकजुट होती थी। मुम्बई का अपराधी दाऊद और उसकी पूरी गैंग इस नाम से थर थर कांपती रही |
जब जब हिंदुओं पर महाराष्ट्र में कोई संकट आया तब तब ये नाम सबसे आगे ढाल और चट्टान बन कर खड़ा हुआ ..1980 के दशक में बाल ठाकरे ने कट्टरपंथी और पाकिस्तान परस्त विचारधारा रखने वालों के बारे में कहा, कि ये कैंसर की तरह फैल रहे है और देश को इनसे बचाया जाना चाहिए।
बात है सन् 1990 के आसपास की, कश्मीर में इस्लामी आतंकवाद चरम पर था कश्मीरी हिंदुओं को भगाया जा रहा था. अमरनाथ यात्रा चल रही थी…तब तुष्टीकरण की उस राजनीति में हिंदुत्व की भारत ही नहीं संसार की सबसे बुलन्द आवाज बाला साहब की ही मानी जाती रही |
आतंकवादियो ने यात्रा बंद करने की धमकी दे दी और कहा जो अमरनाथ यात्री आएगा वह वापिस नही जाएगा. तब बाल ठाकरे ने एक बयान दिया कि, हज के लिए जाने वाली 99% फ्लाइट मुंबई एयरपोर्ट से जाती है देखते है यहाँ से कोई यात्री हज कैसे जाता है. अगले ही दिन से अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई थी।
भारतीय जनता पार्टी से केंद्र व राज्य महाराष्ट्र में शिवसेना के गठबंधन का आधार ही हिंदुत्व है और हिंदूवादियों की पसन्द भी ..हिंदुत्व के रक्षक उन महानतम नामों में से एक बाला साहब ठाकरे जी को आज उनकी पुण्यतिथि पर बारम्बार नमन करते हुए उनकी यशगाथा को सदा सदा के लिए अमर रखने का संकल्प सुदर्शन परिवार दोहराता है |