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एटा में दलित किशोरी के साथ शौचालय में घुसकर गैंगरेप, पुलिस ने थाने से भगाया :-

उत्तर प्रदेश में बेटियों के साथ हो रहे दुष्कर्म/गैंगरेप के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. बेटियां न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर होती हैं. पुलिस की बेरुखी से मायूस होने के बाद बेटियों को आत्महत्या करने को मजबूर होना पड़ता है. बुलंदशहर में ऐसी ही घटना से हड़कंप मचा है. वहां दो बेटियों ने पुलिस की बेरुखी के चलते जान दे दी. अब एटा में एक दलित किशोरी से गैंगरेप की घटना हुई है. घटना के बाद से गैंगरेप पीड़िता का परिवार थाने के चक्कर काट रहा है. तहसील दिवस में तहसील के चक्कर लगाता है लेकिन उसकी सुनवाई अब तक कहीं नहीं हुई है |

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आरोप है कि पूर्व प्रधान और उसके दो साथियों ने मिलकर किशोरी के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया. पीड़ित किशोरी 6 साल के छोटे बच्चे को शौच के लिए ले गई थी, तभी शौचालय के अंदर ही गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया आरोप- शिकायत दर्ज कराने गए तो थाने से भगा दियापीड़िता के अनुसार घटना को अंजाम देने वालों में पूर्व प्रधान राजीव, अनिल और आकाश तीन आरोपी शामिल थे. इन तीनों ने बारी-बारी से नाबालिग दलित बेटी के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया. पीड़िता और उसकी मां थाने पहुंची तो थाने से उसको भगा दिया गया. जिसके बाद न्याय की उम्मीद लेकर पीड़िता मंगल दिवस पर अलीगंज न्याय की उम्मीद लेकर पहुंची. परिजनों को उम्मीद थी कि शायद उच्च अधिकारी पीडिता की बात सुनेंगे और उसको न्याय दिलाएंगे. लेकिन यहां से भी उन्हें मायूस लौटना पड़ा. अब पीड़ित परिवार दर-दर भटक रहा है |

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