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बड़ी खबर : सुप्रीम कोर्ट ने 69,000 शिक्षक भर्ती मामले पर दिया फैसला

यूपी में सहायक शिक्षक 69,000 भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया. कोर्ट ने बढ़े हुए कट ऑफ को अनुमति दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के मौजूदा कट ऑफ (60/65) को सही ठहराया है.

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि इन शिक्षामित्रों को भर्ती का और मौका अगली भर्ती में दिया जाए. 69 हज़ार शिक्षक भर्ती मामले में पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 सितंबर को 31661 पदों को एक हफ्ते में भरने का निर्देश दिया था. अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बाकी बचे हुए 37,339 पदों पर भर्ती का रास्ते भी साफ हुआ. इन पदों पर यूपी सरकार के मौजूदा कट ऑफ 60/65 के आधार पर भर्ती होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के हलफनामे को रिकॉर्ड पर लिया जिसमें कहा गया था कि नए कट ऑफ की वजह से नौकरी से वंचित रह गए शिक्षामित्रों को अगले साल एक और मौका दिया जाएगा. दरअसल, छात्रों के एक गुट का कहना था कि सरकार का परीक्षा के बाद कट ऑफ निर्धारित करना गलत है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 6 मार्च को यूपी सरकार के फैसले को सही मानते हुए भर्ती प्रक्रिया को तीन महीने के अंदर पूरा करने का आदेश दिया था. लेकिन कट ऑफ मार्क्स को लेकर शिक्षामित्रों ने विरोध किया और इलाहाबाद HC के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

UP 69000 Teacher Recruitment Supreme Court put ban on 37339 posts in 69000  teacher recruitment know details

शिक्षामित्रों का कहना है कि लिखित परीक्षा में टोटल 45357 शिक्षामित्रों ने फॉर्म डाला था, जिसमें से 8018 शिक्षामित्र 60-65% के साथ पास हुए.लेकिन इसका कोई डेटा नहीं है कि कितने शिक्षामित्र 40-45 के कटऑफ पर पास हुए . इसीलिए 69000 पदों में से 37,339 पद रिजर्व करके सहायक शिक्षक भर्ती की जाए या फिर पूरी भर्ती प्रक्रिया पर स्टे किया जाए.

उनकी दलील है कि असिस्टेंट टीचर की भर्ती परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए कटऑफ 45 फीसदी और रिजर्व कैटगरी के लिए 40 फीसदी रखा गया था. लेकिन पेपर के बीच में उसे बढ़ा दिया गया और उसे 65-60 फीसदी कर दिया गया. ये गैर कानूनी कदम है क्योंकि पेपर के बीच में कटऑफ नहीं बढ़ाया जा सकता है.

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