फिल्मों के चुनाव की अपनी प्रक्रिया पर भूमि पेडनेकर ने की बात:-
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अभिनेत्री भूमि पेडनेकर उन परियोजनाओं में शामिल होने को वरीयता देती हैं, जिससे दर्शकों व समाज को कुछ संदेश मिले। भूमि कहती हैं, “मैं ऐसी फिल्मों को वरीयता देना पसंद करती हूं, जो मनोरंजक तो हो, लेकिन साथ ही जिन्हें देखकर दर्शकों को कुछ संदेश मिले, जिनसे बेहतरी के लिए उनमें कोई सोच पैदा हो। मेरी अधिकतर फिल्में सामाजिक संदेशों से लैस हैं; अगर आप ‘पति पत्नी और वो’ जैसी किसी फिल्म की बात करेंगे, तो मनोरंजक और मसाला फिल्म होने के साथ ही आपको पता है कि यह साफ तौर पर आपको यह संदेश देती है कि शादी को लेकर समाज के दबाव में आपको नहीं आना है और किसी शादी को बरकरार रखने का फैसला एक औरत का भी हो सकता है।
वह आगे कहती हैं, “हर फिल्म के अपने कुछ निर्दिष्ट दर्शक होते हैं और मेरे लिए फिल्म का दर्शकों के लिए मनोरंजक होना बहुत जरूरी है और अगर यह ऐसा करने में विफल रहती हैं, तो इसका मतलब फिल्म अपने लक्ष्य को हासिल करने में नाकामयाब रही है। मेरे सभी फिल्मों की पहुंच उसके अपने निश्चित दर्शकों तक रही है, जिन्होंने जिंदगी, समाज और महिला सशक्तीकरण के बारे में हमने जो कहना चाहा, उसे सराहा है। कोई ऐसा फामूर्ला नहीं है, जिससे हम यह कह सकें कि यह फिल्म चलेगी या यह नहीं चलेगी। यह एक जुआ है, लेकिन हां, इसे बनाने की आपकी नीयत सही होनी चाहिए कि यह लोगों तक पहुंचेगी और उनका मनोरंजन करेगी। शुक्र है इस मामले में मेरी फिल्में कारगर रही हैं। इनसे मुझे पहचान मिली है और मुझे और अधिक चुनौतीपूर्ण और रचनात्मक रूप से तृप्त करने वाली भूमिकाएं मिली हैं।