Main Slideदेशबड़ी खबरविदेश

जलवायु सम्बन्धी मुक़दमे में फ़्रांसिसी अदालत ने लिया क्रांतिकारी फैसला :-

फ्रांस में एक अत्यंत महत्वपूर्ण जलवायु परिवर्तन संबंधी मुकदमे में, नीदरलैंड सरकार ने उत्सर्जन में कटौती के नए उपायों को अपनाने पर अपनी सहमति व्यक्त की है। इस सहमति में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार कोयले के उपयोग में भारी कटौती भी शामिल है।

अदालत का यह निर्णय हर लिहाज़ से महत्वपूर्ण है और फ्रांसीसी सरकार की जलवायु निष्क्रियता के सामने एक निर्णायक कदम है। अब फ्रांस के जलवायु उद्देश्य, और उन्हें प्राप्त करने की उसकी योजना, को अब कानूनी रूप से बाध्यकारी माना जायेगा।

French court took revolutionary decision in climate lawsuit | जलवायु  सम्बन्धी मुक़दमे में फ़्रांसिसी अदालत ने लिया क्रन्तिकारी फ़ैसला

यह फ़ैसला आज फ्रांस की सर्वोच्च प्रशासनिक अदालत, कॉन्सिल डी’अटैट (काउंसिल ऑफ स्टेट), ने सुबह ग्रैंड-सिनटे (फ्रांस के उत्तर में) शहर के प्रशासन द्वारा एक कानूनी अपील पर सुनवाई के बाद सुनाया।

इस मुक़दमे में सक्रिय रूप से शामिल चार गैर सरकारी संगठनों के अनुसार यह “केस ऑफ द सेंचुरी” है और कॉन्सिल डी’अटैट ने सरकार की पिछली जलवायु योजना की विश्वसनीयता पर न सिर्फ़ एक प्रश्नचिन्ह लगाया बल्कि इस योजना की जनता के आगे जवाबदेही भी तय करने और उसके मुल्यांकन पर ज़ोर दिया।

यह चार ग़ैर सरकारी संगठन हैं- नोट्रे अफेयर ए टूस, फेनडेशन निकोलस हुलोट, ग्रीनपीस फ्रांस, और ऑक्सफैम फ्रांस।

“द कॉन्सिल डी’अटैट के फैसले ने न सिर्फ़ फ्रांस की जलवायु नीति को वापस पटल पर रख दिया बल्कि सरकार को उसकी जलवायु परिवर्तन रोकने की अपनी ज़िम्मेदारी से भी रूबरू कराया। यह ऐतिहासिक फ़ैसला एक लिहाज़ से क्रन्तिकारी है क्योंकि अब तक पर्यावरण से जुड़े कानून महज़ सरकारों और सांसदों के अस्पष्ट वादों के रूप में माने जाते रहे है। अब वक़्त है फ्रांसीसी सरकार का अपने कानूनी दायित्वों को निभाने का और जलवायु सम्बन्धी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ठोस और प्रभावी उपायों को लागू करे का।

Related Articles

Back to top button