फोरेंसंक लैब जुन्गा के निदेशक पर पति को प्रताड़ित करने के आरोप, आशा देवी ने लगाई सरकार से न्याय की गुहार :-
शिमला। संजौली में रहने वाली आशा देवी ने राज्य स्तरीय फोरेंसंक लैब जुन्गा के निदेशक पर उनके पति राजकुमार को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है जिस बारे आशा देवी ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, अध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग भारत सरकार, डीजीपी हिप्र , डीसी शिमला, समाजिक न्याय एवं अधिकारिता को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई गई है ।
आशा देवी ने शुक्रवार को मीडिया को जारी बयान में कहा कि उनके पति को निदेशक एफएसएल द्वारा बेवजह प्रताड़ित किया जा रहा है । और कार्यालय में जातिसूचक शब्दों का प्रयोग उनके पति के लिए किया जाता है । आशा देवी ने आरोप लगाया है कि निदेशक के पक्षपातपूर्ण रवैये के कारण उन्हें नियमित नहीं किया जा रहा है हालांकि राजकुमार द्वारा बतौर दैनिक भोगी पांच वर्ष और अन्य सभी मापदंड पूर्ण कर दिए गए हैं ।
निदेशक द्वारा इसी कार्यालय मेें कार्यरत एक अन्य महिला को नियमित किया गया है जिसके द्वारा भी 22 मई 2015 को बतौर दैनिक भोगी इस विभाग मंे ज्वायन किया था । इनका कहना है कि उनके पति राजकुमार को करूणामूलक आधार पर नौकरी मिली थी और 22 जून 2015 सेे बतौर दैनिक भोगी कर्मचारी के रूप में एफसीएल जुन्गा में कार्यरत हैं ।
आशा देवी का कहना है कि मेरे द्वारा इस बारे सूचना भी मांगी गई थी परंतु मुझे वह भी उपलब्ध नहीं करवाई गई । कहा कि निदेशक एफएसएल ने मेरे पति को प्रताड़ित करने के उददेश्य से इनकी नियमितकरण की फाईल को रोक दिया गया है । उन्होने सरकार से गुहार लगाई है कि वह गरीब अनुसूचित जाति से संबध रखते है और उनके पति को न्याय दिलाकर नियमित किया जाए ताकि वह समाज में सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सके ।