हर घर नल योजना की पीएम मोदी ने किया वर्चुल शिलान्यास
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर और सोनभद्र में 41 लाख से ज्यादा ग्रामीणों को योगी सरकार हर घर नल योजना की सौगात मिली। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से इस योजना का वर्चुल शिलान्यास किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोनभद्र के चतरा ब्लॉक के करमांव गांव से इस कार्यक्रम में शामिल हुए। शिलान्यास कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री मिर्जापुर भी जाएंगे।
ग्रामिणों को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 70 साल में विंध्य क्षेत्र के केवल 398 गांवों में पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं को विनियमित किया जा सका। आज हम इस क्षेत्र के 3000 से अधिक गांवों में ऐसी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए हैं।
Delhi: PM Narendra Modi lays foundation stone for drinking water supply projects in Mirzapur and Sonbhadra districts of Uttar Pradesh, via video-conferencing.
UP CM Yogi Adityanath also present at the ceremony. pic.twitter.com/pVIiYcVxcx
— ANI (@ANI) November 22, 2020
हर घर नल योजना के तहत योगी सरकार मीरजापुर के 1606 गांवों में पाइप के जरिए पेय जल सप्लाई शुरू करेगी। इस योजना से मिर्जापुर के 2187980 ग्रामीणों को सीधा फायदा होगा। रविवार को सीएम मिर्जापुर के टाडा फाल गो आश्रय स्थल में गोपाष्टमी के कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।
In 70 yrs drinking water supply projects could be regulated only in 398 villages in Vindhya region. Today we're here to take forward such projects in over 3000 villages of the region: UP CM at foundation stone laying event for drinking water supply projects in Mirzapur, Sonbhadra pic.twitter.com/kA3sF6nGxH
— ANI UP (@ANINewsUP) November 22, 2020
वहां वह दीन दयाल उपाध्याय अन्त्योदय योजना के तहत स्कूल ड्रेस बनाने वाली महिलाओं को पारिश्रमिक का चेक भी सौंपेंगे। सीएम रविवार की शाम को विंध्यांचल धाम में माता विंध्यवासिनी देवी के दर्शन और पूजन करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री कुछ योजनाओं और निर्माण कार्यो का निरीक्षण भी करेंगे।
सोनभद्र के 1389 गांवों को भी योजना से जोड़ने की शुरुआत होगी। इन गांवों के 1953458 परिवार पेय जल सप्लाई योजना से जुड़ेंगे। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक दोनों जिलों की योजनाओं से कुल 4141438 परिवार लाभान्वित होंगे। योजना पर कुल 5555.38 करोड़ की लागत तय की गई है। जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक अगले दो साल के भीतर योजना को पूरा कर गांवों में पानी की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी।