महाराष्ट्र सरकार के लिए गले की हड्डी बन सकता है लव जिहाद मामला
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों द्वारा लव जिहाद पर सख्त रुख अपनाने व कानून बनाने की पहल शिवसेना के लिए गले की हड्डी बन सकती है। भाजपा यहां भी लव जिहाद के विरुद्ध कानून बनाने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव लाने की बात कह रही है, जबकि शिवसेना की सहयोगी कांग्रेस को भाजपा की यह बात रास नहीं आ रही है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने लव जिहाद के विरोध में कानून लाने की पूरी तैयारी कर ली है। मध्य प्रदेश की शिवराज चौहान सरकार भी इसी रास्ते पर आगे बढ़ रही है। भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया का मानना है कि महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार को भी ऐसा ही कानून राज्य में बनाना चाहिए।
वे कहते हैं कि अगले विधानमंडल सत्र में भाजपा की ओर से यह प्रस्ताव लाया जाएगा, क्योंकि महाराष्ट्र में हम लव जिहाद नहीं होने देंगे। शिवसेना नीत महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार में कांग्रेस से मंत्री असलम शेख को सोमैया का यह प्रस्ताव रास नहीं आ रहा है। वे कहते हैं कि महाराष्ट्र में ऐसे कानून की कोई जरूरत नहीं है। वे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की भाजपा सरकारों को घेरते हुए कहते हैं कि लव जिहाद एवं गोरक्षा पर कानून लाने के बजाय उन्हें जनहित के कामों पर ध्यान देना चाहिए। जो सरकारें ये कानून लाने जा रही हैं, वे अपनी कमियां छिपाने के लिए ऐसा कर रही हैं। महाराष्ट्र सरकार अपना काम ठीक ढंग से कर रही है। इसलिए यहां ऐसे किसी कानून की जरूरत ही नहीं है।
अपने बयान पर कांग्रेसी मंत्री का विरोध सोमैया को रास नहीं आया। वे कहते हैं कि असलम शेख ने याकूब मेमन की फांसी का विरोध किया था। उन्होंने फैनेटिक इस्लामिक आर्गनाइजेशन का समर्थन किया था। हम महाराष्ट्र में लव जिहाद नहीं होने देंगे। सोमैया शिवसेना पर भी टिप्पणी करते हुए कहते हैं कि सत्ता पाने के बाद इसने रंग बदल लिया है। जो भाषा असलम शेख बोलते हैं, वही भाषा उद्धव ठाकरे भी बोलने लगे हैं। सौमैया ऐसा कहकर कभी प्रखर हिंदुत्व की राजनीति करनेवाली शिवसेना को दुविधा में डालना चाहते हैं। भाजपा द्वारा विधानसभा में लव जिहाद के विरुद्ध कानून बनाने का प्रस्ताव लाने पर यदि शिवसेना उसका साथ देती है, तो उसे सत्ता में अपने साथियों कांग्रेस व राकांपा का विरोध सहना पड़ेगा। यदि वह साथ नहीं देती है, तो महाराष्ट्र के हिंदू वोट बैंक के सामने उसकी छवि खराब होगी। वास्तव में भाजपा जान-बूझकर शिवसेना के लिए दुविधा की स्थिति पैदा करना चाहती है।