चुनावी नतीजों को स्वीकार करने के लिए ट्रंप पर अब अपनी ही पार्टी का दबाव :-
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनावी नतीजों को अब भी मानने को तैयार नहीं हैं लेकिन उन्हें इस मामले में कोर्ट से भी मदद नहीं मिल रही है | पेन्सिलवेनिया के नतीजों को लेकर ट्रंप की आपत्ति को कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है |
इसके बाद ट्रंप पर रिपब्लिकन पार्टी से भी दबाव बढ़ रहा है कि वो चुनावी नतीजों को मान लें और बाइडन के लिए सत्ता संभालने की राह साफ़ करें.
दो हफ़्ते पहले डेमोक्रेटिक पार्टी के बाइडन को जब से विजेता घोषित किया गया है तब से ट्रंप ने कोर्ट ने कोर्ट में कई आपत्तियां दर्ज कराई हैं. ट्रंप चाहते हैं कि बाइडन को जीत का सर्टिफिकेट नहीं दिया जाए. लेकिन ट्रंप की यह कोशिश जॉर्जिया, मिशिगन और एरिज़ोना में नाकाम रही |
शनिवार को पेन्सिलवेनिया में भी फेडरल जज मैथ्यु ब्रैन ने ट्रंप के इस अभियान को झटका दिया. कोर्ट ने कहा कि चुनावी नतीजों के ख़िलाफ़ जो केस किया गया है उसमें कुछ भी ठोस सबूत नहीं हैं. व्हाइट हाउस में बने रहने के लिए ट्रंप की बची उम्मीद पेन्सिलवेनिया में ही टिकी है लेकिन यह तभी होगा जब वो यहां बाइडन के 81 हज़ार वोट के लीड को पीछे छोड़ दें. यहां सोमवार को नतीजों की आख़िरी पुष्टि होनी है |
अब रिपब्लिकन पार्टी की तरफ़ से भी सवाल उठने लगे हैं. रिपब्लिकन सीनेटर पैट टूमी ने कहा कि ट्रंप को चुनावी नतीजों को स्वीकार कर लेना चाहिए. इसके अलावा हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में रिपब्लिकन लीडरशिप टीम की लिज़ चेनी ने कहा है कि ट्रंप को हार स्वीकार कर लेना चाहिए और चुनावी प्रक्रिया का सम्मान करना चाहिए |
तीन नवंबर को हुए चुनाव में बाइडन को ट्रंप की तुलना में 60 लाख ज़्यादा वोट मिले हैं. इसके अलावा बाइडन के पास सरकार बनाने के लिए ज़रूरी 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोट की तुलना में 36 ज़्यादा वोट मिले हैं. वहीं ट्रंप को 232 इलेक्टोरल कॉलेज वोट मिले हैं |